Bihar News: बिहार के इस यूनिवर्सिटी का पूर्व VC निकला घोटालेबाज, परिवार के साथ मिलकर करता था काली कमाई, मामला खुला तो ईडी ने दाखिल की चार्जशीट
Bihar News: पूर्व वीसी अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर घोटालेबाजी के मामले को अंजाम दे रहे थे। वहीं जब मामला का खुलासा हुआ तो ईडी ने पूर्व वीसी सहित पूरे परिवार पर चार्जशीट दाखिल कर दिया है। पढ़िए आगे....

Bihar News: बिहार के मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बड़े घोटालेबाज निकले हैं। पूरे परिवार के साथ मिलकर पूर्व वीसी बड़े घोटाले को अंजाम दे रहे थे। वहीं मामले के सामने आते ही ईडी ने पूर्व वीसी सहित पूरे परिवार पर चार्जशीट दाखिल कर दी है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत की गई है। चार्जशीट 15 अप्रैल 2025 को पटना स्थित विशेष अदालत (PMLA) में दाखिल की गई। जिसे अदालत ने उसी दिन संज्ञान में ले लिया।
पूर्व वीसी की घोटालेबाजी
ईडी की जांच में यह सामने आया है कि डॉ. प्रसाद ने अपने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की। जिसे वैध दिखाने के लिए उन्होंने सुनियोजित तरीके से मनी लॉन्ड्रिंग की। इस मामले में उनके बेटे डॉ. अशोक कुमार, भाई अवधेश प्रसाद और प्यारी देवी मेमोरियल वेलफेयर ट्रस्ट को भी सह-आरोपी बनाया गया है।
SVU की FIR के आधार पर शुरू हुई थी जांच
इस मामले की जांच की शुरुआत पटना की विशेष सतर्कता इकाई (SVU) द्वारा दर्ज FIR के आधार पर की गई थी। SVU की जांच में यह आरोप सामने आया था कि सितंबर 2019 से नवंबर 2021 के बीच जब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मगध विश्वविद्यालय में कुलपति थे उन्होंने अपनी वैध आय से अधिक कुल 2.66 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की।
64.53 लाख रुपये की अवैध संपत्तियों का खुलासा
ईडी की स्वतंत्र जांच में 64.53 लाख रुपये मूल्य की अतिरिक्त संपत्तियों का भी पता चला जो अपराध की आय से अर्जित की गई थीं। रिपोर्ट के अनुसार डॉ. प्रसाद ने इस अवधि में नकद में पांच संपत्तियां खरीदीं। जिन्हें उनके बेटे और भाई द्वारा संचालित आर.पी. कॉलेज के नाम पर दर्ज किया गया। बाद में इन संपत्तियों को प्यारी देवी मेमोरियल वेलफेयर ट्रस्ट के नाम ट्रांसफर कर दिया गया। ईडी का कहना है कि इस अवैध आय को ट्रस्ट के बैंक खातों में नकद जमा कर उसे वैध आय के रूप में दिखाने का प्रयास किया गया। जांच में यह भी सामने आया है कि यह पूरा षड्यंत्र परिवार के सदस्यों की मिलीभगत से रचा गया। जिससे अवैध संपत्तियों को वैध दिखाया जा सके।
अचल संपत्तियां अटैच, जांच जारी
ईडी ने अब तक की जांच के आधार पर राजेन्द्र प्रसाद और उनके परिजनों के नाम पर कुल 64.53 लाख रुपये की अचल संपत्तियां अटैच कर दी हैं। एजेंसी ने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है और जरूरत पड़ने पर और भी जब्ती की कार्रवाई की जा सकती है।