गया से दमदम तक मोदी की सियासी चाल ,विकास के उद्घाटन के साथ चुनावी युद्ध की उद्घोषणा, कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना

Bihar Politics:मोदी के गया और दमदम के मंच से उठे भाषण विकास योजनाओं के उद्घाटन से आगे बढ़कर भाजपा की चुनावी रणनीति का खाका पेश करेंगे। यह दौरा केवल सड़कों, पुलों और मेट्रो का उद्घाटन नहीं, बल्कि आने वाले चुनावी युद्ध की उद्घोषणा है।

 PM Narendra Modi bihar Gaya West Bengal Visit
मोदी की सियासी चाल- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar Politics:बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रवार का दौरा केवल परियोजनाओं का उद्घाटन भर नहीं है, बल्कि यह भाजपा की चुनावी रणनीति का गहरा राजनीतिक संदेश भी है।

प्रधानमंत्री मोदी बिहार में करीब 13,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वहीं पश्चिम बंगाल में 5,200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स के साथ मेट्रो से जुड़ी तीन योजनाओं को जनता को समर्पित करेंगे। इन दोनों अवसरों पर पीएम मोदी अलग-अलग जनसभाओं को संबोधित करेंगे।

बिहार का गया जिला इस बार विशेष महत्व रखता है। नाम बदलकर गया जी किए जाने के बाद प्रधानमंत्री पहली बार यहां आ रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सभा केवल विकास योजनाओं की घोषणा नहीं, बल्कि मगध क्षेत्र में एनडीए के मनोबल को पुनर्जीवित करने का प्रयास है।

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में मगध के पांच जिलों (गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा और अरवल) की 26 सीटों में एनडीए को महज छह सीटें मिलीं। जेडीयू तो एक भी सीट न जीत सकी। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने और राहुल गांधी की हालिया वोट अधिकार यात्रा का जवाब माना जा रहा है।

उधर पश्चिम बंगाल में मोदी का तीसरा दौरा हो रहा है। उत्तर 24 परगना जिले का दमदम क्षेत्र, जहां टीएमसी का पूर्ण दबदबा है, में सभा करना भाजपा की सोची-समझी चाल है। यही वह इलाका है, जहां अटल सरकार के दौर में भाजपा के तपन सिकदर सांसद रहे थे और यह भाजपा के लिए “संभावना की भूमि” रही है।

यह इलाका बांग्लादेश सीमा से सटा है और भाजपा लंबे समय से घुसपैठ और शरणार्थियों के मुद्दे पर टीएमसी को घेरती रही है। संभावना है कि मोदी अपनी सभा में फिर से तृणमूल की भ्रष्टाचार राजनीति और घुसपैठ संरक्षण को चुनावी हथियार बनाएंगे।

इधर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और दीपंकर भट्टाचार्य की मौजूदगी में इंडिया गठबंधन आक्रामक तेवर में है। वहीं ममता बनर्जी ने भी संविधान संशोधन और भाषा भेदभाव के मुद्दे पर केंद्र पर निशाना साधते हुए गठबंधन के साथ एकजुटता दिखाई है। ऐसे माहौल में मोदी का बंगाल दौरा भाजपा की जवाबी रणनीति का हिस्सा है।

मोदी के इस दोहरे दौरे का संदेश साफ है कि बिहार में कमजोर प्रदर्शन वाले मगध क्षेत्र को साधना।बंगाल में ममता के गढ़ दमदम में सेंध लगाने की कोशिश करना और पूरे परिदृश्य में “विकास” को राजनीतिक हथियार बनाना।

बहरहाल  मोदी के गया और दमदम के मंच से उठे भाषण विकास योजनाओं के उद्घाटन से आगे बढ़कर भाजपा की चुनावी रणनीति का खाका पेश करेंगे। यह दौरा केवल सड़कों, पुलों और मेट्रो का उद्घाटन नहीं, बल्कि आने वाले चुनावी युद्ध की उद्घोषणा है।