मोकामा–मुंगेर ग्रीनफील्ड रोड से जुड़ेगे बिहार के दो प्रमुख धार्मिक स्थल, लखीसराय के बड़हिया को मिली खास सौगात ! गडकरी से मिले डिप्टी सीएम

उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दिल्ली ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर मोकामा–मुंगेर फोरलेन सड़क से लखीसराय के दो प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए ज्ञापन सौपा

Vijay Sinha meets Nitin Gadkari
Vijay Sinha meets Nitin Gadkari- फोटो : news4nation

Bihar News: बिहार के दो प्रमुख धार्मिक स्थलों को NH-33 मोकामा–मुंगेर फोरलेन से जोड़ने को लेकर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को बड़ी पहल की. उन्होंने दिल्ली में भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री माननीय नितिन गडकरी से शिष्टाचार भेंट किया. उन्होंने कहा कि इस अवसर पर बड़हिया शहर और अशोक धाम तक सीधा संपर्क मोकामा से मुंगेर तक बनने वाले फोरलेन से करने का आग्रह किया. 


उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी से मुलाकात में NH-33 के मोकामा–मुंगेर पथांश के हरित क्षेत्र मार्गरेखन से जुड़े विषय पर चर्चा करते हुए आग्रह किया कि NH-80 के समानांतर मोकामा से मुंगेर तक बनने वाले फोरलेन मार्ग में स्पर कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण बड़हिया शहर और अशोक धाम तक सीधा संपर्क संभव नहीं हो पाएगा, जिससे यहां की जनता को भारी परेशानी होगी। गडकरी ने आश्वस्त किया कि इस समस्या का समाधान शीघ्र किया जाएगा और जल्द ही स्पर कनेक्टिविटी रोड के प्रस्ताव को स्वीकृत किया जाएगा साथ ही रक्सौल - हल्दिया एक्सप्रेस - वे के एलाइनमेंट को लेकर भी चर्चा हुई।


सिन्हा ने कहा कि बड़हिया शहर लखीसराय जिले का एक घनी आबादी वाला इलाका है जो कि गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां माँ बाला त्रिपुर सुंदरी का ऐतिहासिक मंदिर है, यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। इस शहर से होकर गुजरने वाली वर्तमान NH-80 पर घनी आबादी तथा भारी वाहनों की आवाजाही के कारण प्रायः ही जाम की समस्या रहती है। साथ ही जल जगाय के कारण वर्षा ऋतु में इस पथ की स्थिति काफी दयनीय रहती है।


अशोक धाम मंदिर भगवान शिव के भक्तों के आस्था का एक प्रतीक है। यह छोटा देवघर के नाम से विख्यात है। इस मंदिर में सालभर बिहार एवं पड़ोसी राज्यों से शिवभक्तों का आना लगा रहता है। परन्तु राष्ट्रीय राजमार्ग से सीधी सम्पर्कता नहीं होने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। नए हरितक्षेत्र मार्गरेखन से इस मंदिर तक सड़क बनने से न केवल लोगों को आसानी होगी बल्कि इसे पर्यटन मानचित्र पर बेहतर रूप से स्थापित करने में सहयोग मिलेगा।


लखीसराय से कमलेश की रिपोर्ट