Dog babu certificate: पटना में ‘डॉग बाबू’ प्रमाण पत्र कांड ने मचाया सियासी तूफान ,आरोपी मिंटू का राजद विधायक से करीबी संबंध का शक, सरकारी सिस्टम को बदनाम करने की साजिश का खुलासा,जानें कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
Dog babu certificate: बिहार की राजधानी पटना से शुरू हुआ ‘डॉग बाबू’ आवासीय प्रमाण पत्र कांड अब सियासी रंग लेने लगा है। जांच में यह मामला सिर्फ लापरवाही का नहीं, बल्कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है...

Dog babu certificate: बिहार की राजधानी पटना से शुरू हुआ ‘डॉग बाबू’ आवासीय प्रमाण पत्र कांड अब सियासी रंग लेने लगा है। जांच में यह मामला सिर्फ लापरवाही का नहीं, बल्कि आगामी 2025 विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है।
पटना जिले के मसौढ़ी सर्कल कार्यालय में तैनात कार्यकारी सहायक मिंटू कुमार निराला को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जांच में पता चला कि डॉग बाबू का फर्जी निवास प्रमाण पत्र निराला ने खुद से तैयार किया था और सबसे पहले एक्सेस भी उसी ने किया।
मसौढ़ी पुलिस स्टेशन के सूत्रों ने बताया कि मिंटू निराला ने किसी अन्य व्यक्ति के आधार कार्ड का झूठा उपयोग कर प्रमाण पत्र जारी किया। उसने न सिर्फ प्रमाण पत्र की धोखाधड़ी से मंजूरी ली, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल कर जनता और मीडिया का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। जैसे ही मामला सुर्खियों में आया, उसने अपने कंप्यूटर सिस्टम से सारे डेटा डिलीट कर दिए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निराला स्थानीय राजद विधायक का करीबी माना जाता है। संदेह जताया जा रहा है कि यह पूरी साजिश सत्ता को बदनाम करने के लिए रची गई।
मसौढ़ी अनुमंडल दंडाधिकारी अभिषेक कुमार ने कहा कि निराला भले ही प्रतिनियुक्ति पर अनुमंडल कार्यालय में मतदाता सूची संशोधन कार्य देख रहा था, लेकिन वह रोजाना एक घंटा पहले सर्कल कार्यालय पहुंचता था। शक है कि इस कांड में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। मसौढ़ी एसडीएम ने कहा कि "हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। यह एक संगठित साजिश भी हो सकती है।
इस पर RJD विधायक ने आरोपों से पल्ला झाड़ा है। भाई वीरेंद्र ने इसे विपक्ष को बदनाम करने की साजिश बताया।
इस फर्जीवाड़े ने अब कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है।जहानाबाद के मोदनगंज सर्कल कार्यालय में ‘सैमसंग’ नाम से आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन मिलने पर हड़कंप मच गया।वहीं नवादा जिले के सिरदला सर्कल कार्यालय में ‘डॉगेश बाबू’ के नाम से आवेदन सामने आने पर अफसरों के हाथ-पांव फूल गए।दोनों जगह अधिकारियों ने जांच के आदेश दे दिए हैं।‘डॉग बाबू’ से शुरू हुआ यह कांड अब बिहार के e-प्रमाण पत्र सिस्टम की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यदि यह राजनीतिक साजिश है तो आने वाले चुनाव से पहले इस तरह के और भी फर्जीवाड़े सामने आ सकते हैं।
अब जांच इस बात पर केंद्रित है कि क्या यह काम सिर्फ मिंटू निराला ने अकेले किया या उसके पीछे एक संगठित राजनीतिक नेटवर्क सक्रिय है। पटना से नवादा और जहानाबाद तक फैले इन आवेदनों ने सरकार को सकते में डाल दिया है।
रिपोर्ट- कुलदीप भारद्वाज