Mokama Murder: मोकामा में गोलीकांड! बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या से चुनावी माहौल में बवाल, जानें अनंत सिंह से क्या है कनेक्शन

Mokama Murder: मोकामा टाल के बाहुबली दुलारचंद यादव की चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। परिजनों ने एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह और समर्थकों पर आरोप लगाया

Mokama Murder
मोकामा गोलीकांड- फोटो : social media

Mokama Murder: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच पटना जिले के मोकामा टाल क्षेत्र से गुरुवार को भयावह हिंसा की खबर आई। जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के साथ प्रचार में शामिल बाहुबली दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

घटना भदौर थाना क्षेत्र के बसावनचक गांव के पास हुई, जब पीयूष प्रियदर्शी और एनडीए उम्मीदवार अनंत सिंह के काफिले आमने-सामने आ गए। इस वारदात के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है। यह पटना जिले में चुनावी हिंसा से जुड़ी पहली हत्या है।

आमने-सामने आए दो काफिले

गुरुवार शाम करीब चार बजे जैसे ही दोनों प्रत्याशियों के काफिले आमने-सामने आए, माहौल अचानक बिगड़ गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अनंत सिंह समर्थकों की गाड़ियाँ सड़क पर तिरछी खड़ी कर दी गईं, जिससे पीयूष प्रियदर्शी का काफिला रुक गया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी मारपीट में बदल गई। देखते ही देखते फायरिंग शुरू हो गई, और इस दौरान दुलारचंद यादव को गोली लगी। गवाहों के मुताबिक, गोली लगने के बाद उनके ऊपर गाड़ी चढ़ा दी गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं और कई लोग घायल हुए।

परिजनों का आरोप हत्या की साजिश रची गई थी

दुलारचंद यादव के परिवार ने इस हत्या के लिए एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह और उनके समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है। परिजनों ने कहा कि यह हमला पहले से योजनाबद्ध था और दुलारचंद को टारगेट बनाकर मारा गया। उनका कहना है कि पहले गोली मारी गई, फिर गाड़ी चढ़ाकर उन्हें कुचल दिया गया।

हम पर हमला हुआ, साजिश किसी और की

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अनंत सिंह ने कहा कि वे चुनाव प्रचार में निकले थे, तभी रास्ते में करीब सौ गाड़ियों का काफिला खड़ा मिला।उन्होंने कहा कि हमारे पहुंचते ही कुछ लोगों ने मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। फिर हमारे काफिले पर हमला हुआ और गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। अनंत सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि पूरा विवाद सूरजभान सिंह गुट द्वारा रचा गया था, जो माहौल बिगाड़ना चाहता है। उनका दावा है कि उनके समर्थकों ने आत्मरक्षा में जवाब दिया।

कौन थे दुलारचंद यादव?

दुलारचंद यादव का नाम मोकामा टाल क्षेत्र में लंबे समय से जाना जाता था। घोसवरी प्रखंड के तारतार गांव के रहने वाले दुलारचंद के खिलाफ हत्या, रंगदारी और आर्म्स एक्ट के 11 आपराधिक मामले दर्ज थे। वे 1980 के दशक में माओवादी गतिविधियों से जुड़े रहे, लेकिन बाद में राजनीति में सक्रिय हो गए। 1990 में उन्होंने अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हाल के वर्षों में वे प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से जुड़ गए थे और इस बार पीयूष प्रियदर्शी के प्रचार में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।

पुलिस की सख़्ती क्षेत्र में छावनी जैसी स्थिति

वारदात की जानकारी मिलते ही पटना एसएसपी आनंद कुमार, डीएम शशांक शुभंकर और कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।इलाके को पूरी तरह घेर लिया गया है और पुलिस, सीआरपीएफ तथा रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि फायरिंग में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द गिरफ्तारी होगी। एसएसपी ने कहा कि “स्थिति नियंत्रण में है और किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।”

बाहुबली बनाम बाहुबली की परंपरा

मोकामा विधानसभा सीट हमेशा से बाहुबली राजनीति का गढ़ मानी जाती रही है। यहां लंबे समय से अनंत सिंह और उनके विरोधी गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चली आ रही है। अब जन सुराज पार्टी के मैदान में उतरने के बाद यह सीट और भी गर्मा गई है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह घटना आने वाले चुनावी माहौल को और जटिल बना सकती है।