बिहार में बैंकिंग और डिजिटल लेनदेन में अहम बदलाव, जानें नए नियम जो सीधे असर डालेंगे आपकी जेब पर
New Banking Rule In Bihar: 1अप्रैल 2025 से बिहार में कई महत्वपूर्ण आर्थिक बदलाव लागू हो गए हैं। इन बदलावों में इनकम टैक्स बैंकिंग नियमों, डिजिटल लेनदेन और व्यापारिक कर व्यवस्था में सुधार किए गए हैं जो सीधे आम लोगों और व्यापारियों को प्रभावित करेंगे।

बिहार समेत पूरे देश में 1 अप्रैल 2025 से कई महत्वपूर्ण आर्थिक बदलाव लागू हो गए हैं, जो आम लोगों, व्यापारियों और करदाताओं को सीधे प्रभावित करेंगे। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही इनकम टैक्स, बैंकिंग नियमों, डिजिटल पेमेंट और व्यावसायिक कर व्यवस्था में कई बड़े सुधार किए गए हैं।
सबसे अहम बदलाव इनकम टैक्स में हुआ है। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पूरी तरह कर मुक्त होगी, जबकि 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी, 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा, जिससे वेतनभोगी और मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
बैंकिंग क्षेत्र में भी कई नए नियम लागू हुए हैं। पंजाब नेशनल बैंक और एसबीआई समेत अन्य बैंकों में अब न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य होगा। यदि खाते में तय सीमा से कम राशि रहती है, तो अतिरिक्त शुल्क देना होगा। वहीं, अब हर महीने केवल तीन बार मुफ्त एटीएम ट्रांजेक्शन की सुविधा दी जाएगी, इसके बाद हर अतिरिक्त लेनदेन पर चार्ज लगेगा।
डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा बढ़ाने के लिए यूपीआई से जुड़े नए नियम लागू किए गए हैं। अब उन बैंक खातों का यूपीआई एक्सेस बंद कर दिया जाएगा, जिनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लंबे समय से सक्रिय नहीं हैं। इसके अलावा, एसबीआई और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने अपने क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉलिसी में बदलाव किए हैं, जिससे ग्राहकों को पहले की तुलना में कम लाभ मिलेगा।
व्यवसाय से जुड़े नियमों में भी संशोधन किया गया है। पहले कमर्शियल बिल्डिंग से 2.40 लाख रुपये तक की आय पर टीडीएस कटता था, जिसे अब बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही, व्यावसायिक संपत्तियों पर 18% जीएसटी लागू कर दिया गया है, जिससे शॉपिंग मॉल और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के किराए में बढ़ोतरी हो सकती है।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों से करदाताओं और व्यापारियों को सीधा लाभ होगा। सरकार का उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल बनाना, डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित करना और बैंकिंग व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाना है। अब देखना होगा कि इन नए नियमों का बाजार और आम जनता पर क्या असर पड़ता है।