Bettiah raj statue - नीतीश सरकार को बेतिया राज की जमीन चाहिए, लेकिन उनकी प्रतिमा नहीं लगाने की अनुमति नहीं, नगर निगम के प्रस्ताव पर लगाई रोक

Bettiah raj statue - बेतिया राज की हजारों एकड़ जमीन को सरकारी संपत्ति घोषित कर चुकी नीतीश सरकार ने उनकी प्रतिमा लगाने और स्मृति को सहजने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है।

Bettiah raj statue - नीतीश सरकार को बेतिया राज की जमीन चाहिए
बेतिया राज की प्रतिमा लगाने की नहीं मिली अनुमति।- फोटो : ASHISH KUMAR

Bettiah -प.चम्पारण के बेतिया नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने राजस्व पर्षद बिहार के अध्यक्ष को पत्र लिखकर बेतिया नगर निगम की निविदा संख्या 21/2024- 25 को पुनः जारी करने की अनुमति देने का किया अनुरोध । अपने उक्त पत्र में महापौर ने कहा है कि मैं बेतिया राज कालीन धरोहरों को बाद की पीढ़ी के लिए सुरक्षित और संरक्षित बनाए रखने के प्रति मैं सदा से समर्पित रही हूं। 

इसको लेकर प्रस्तुत मेरे प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए श्रीमान के स्तर से स्वीकृतादेश जारी होने के बाद नगर निगम द्वारा निविदा जारी करते हुए ऐतिहासिक  राज कचहरी परिसर के सौंदर्यीकरण के साथ राज ड्योढी के सामने बेतिया राज के अंतिम राजा महाराजा हरेंद्र किशोर और महारानी जानकी कुंवर की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने के साथ पर्यटकीय महत्ता बढ़ाने के लिए रंगीन फव्वारा लाइटिंग लगाने के साथ राज कालीन धरोहरों यथा सातों प्रवेश द्वार, दोनों तोप और फांसी के कुएँ  की पूर्ववर्ती स्वरूप में पुनःस्थापना के साथ चंद्रशेखर आजाद जी की मूर्ति का सौंदर्यकरण करते हुए पूरे राज ड्योढी परिसर को एक आकर्षक पर्यटन-पार्क के रूप में विकसित करने की उनकी महत्वाकांक्षी योजना को नगर निगम बोर्ड ने पारित कर दिया है।

 इसका उल्लेख करते हुए महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया है कि राजस्व पर्षद बिहार के आदेश ज्ञापांक 3- 2025/767 के आलोक में संबंधित करीब पौने दो करोड़ की दोनों निविदाओं को स्थगित कर दिया गया है। इसको लेकर पूरे नगर निगम क्षेत्र के साथ संपूर्ण चंपारण में क्षोभ की स्थिति है। क्योंकि मरम्मती और संरक्षण के अभाव में दोनों तोप, फांसी घर क्षतिग्रत  हो गए हैं। अब राज ड्योढ़ी के चारो छोर पर बने सातों आकर्षक प्रवेश द्वार ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गए हैं।

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