Bihar Cabinet Meeting: अब पैसों की कमी नहीं रोकेगी छात्रों की उड़ान, सीएम नीतीश का बड़ा फैसला, UPSC-BPSC पीटी परीक्षा पास इन छात्रों को मिलेगा प्रोत्साहन राशि

Bihar Cabinet Meeting: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट बैठक में अहम फैसला लिया है। सीएम नीतीश के इस फैसले से कई छात्रों को लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं पूरा मामला...

Nitish government Give financial help
Nitish government Give financial help- फोटो : social media

Bihar Cabinet Meeting:  सीएम नीतीश की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को 43 एजेंडों पर मुहर लगी। सीएम नीतीश ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं महिलाओं सहित हर क्षेत्र में बड़ी सौगात दी। इसी कड़ी में सीएम नीतीश ने दिव्यांग अभ्यर्थियों को भी बड़ी सौगात दी है। सीएम नीतीश ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत दिव्यांग अभ्यर्थियों को सरकार आर्थिक मदद देगी। 

सीएम नीतीश का बड़ा फैसला 

दरअसल, मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना 'सम्बल' के तहत बिहार सरकार ने दिव्यांग अभ्यर्थियों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए बड़ी राहत दी है। सरकार ने एक नई योजना "दिव्यांगजन सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना" की शुरुआत को स्वीकृति दे दी है। इस योजना का लाभ राज्य के पिछड़ा वर्ग (BC), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) एवं सामान्य वर्ग के ऐसे दिव्यांग पुरुष अभ्यर्थियों को मिलेगा। जिन्हें राज्य की वर्तमान सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जाती है।

दिव्यांग अभ्यर्थियों को मिलेगा लाभ 

जानकारी अनुसार योजना के तहत बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) या संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। साक्षात्कार की तैयारी के लिए अतिरिक्त ₹1,00,000 की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

बिना किसी दबाव के बढ़ सकेंगे आगे 

यह निर्णय दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुख्यधारा में लाने, उनकी उच्च स्तरीय सेवाओं में भागीदारी सुनिश्चित करने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने की दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह सहायता राशि दिव्यांगजनों को मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के दौरान आने वाले खर्चों को पूरा करने में मदद करेगी, ताकि वे बिना किसी वित्तीय दबाव के प्रतियोगिता में आगे बढ़ सकें। सरकार का यह कदम समावेशी विकास और समान अवसर की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।