Bihar Land : गंगा से निकली जमीन को लेकर नीतीश सरकार का नया प्लान, किसानों का दावा खारिज, अब इस काम के लिए होगा इस्तेमाल
Bihar Land : पटना में गंगा किनारे की जमीन पर किसानों का दावा जिला प्रशासन ने खारिज कर दिया है। सरकार अब इस जमीन के लिए नई योजना बनाई है। इसके आधार पर इन जमीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।

Bihar Land : बिहार में किसानों को करारा झटका लगा है। गंगा किनारे की जमीन पर किसान दावा कर रहे थे लेकिन अब जिला प्रशासन ने इन दावों को खारिज कर दिया है। दरअसल, पटना शहर के उत्तर गंगा तट पर स्थित विवादित टोपो लैंड को लेकर वर्षों से चल रहे भूमि विवाद का पटाक्षेप हो गया है। पटना जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि इस जमीन पर किसानों का दावा खारिज कर दिया गया है और अब यह जमीन उन्हें नहीं मिलेगी। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले की सुनवाई के बाद डीएम कार्यालय ने दोनों दावों को खारिज कर दिया, क्योंकि जिन खाता और प्लॉट नंबरों के आधार पर दावा किया गया था वे क्षेत्र सर्वेक्षण में शामिल ही नहीं थे।
सरकार किराए पर देगी जमीन
मिली जानकारी अनुसार अब प्रशासन इस जमीन को राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए किराये पर देने की योजना बना रहा है। इसके लिए किराया निर्धारण संबंधी प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद दीघा से लेकर कंगनघाट तक गंगा किनारे की जमीनों को अस्थायी कार्यक्रमों के लिए आवंटित किया जाएगा। हालांकि, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देश के चलते इस भूमि पर स्थायी निर्माण नहीं किया जा सकेगा, लेकिन खुले मैदान में उपयोग की अनुमति है
गंगा किनारे की जमीन को विकसित करेगी सरकार
बताया जा रहा है कि, नीतीश सरकार दीघा से कलेक्ट्रेट तक की गंगा किनारे की जमीन को विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। जेपी गंगा पथ के दोनों ओर रिवर फ्रंट और सार्वजनिक उद्यान बनाए जाने की तैयारी है। कंगनघाट क्षेत्र को भी वैशाली से सटे भूखंडों सहित विकसित किया जाएगा। इसी सिलसिले में हाल ही में पटना सिटी महोत्सव को स्कूल मैदान से कंगनघाट स्थानांतरित करने की योजना थी। जो मौसम और अन्य कारणों से रोक दी गई।
जिला प्रशासन का क्या है उद्देश्य
जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि गांधी मैदान पर होने वाले कार्यक्रमों के दबाव को कम किया जाए। इसी क्रम में जन सुराज पार्टी को एलसीटी घाट के पास गंगा पथ के उत्तर की ओर भूमि दी गई है। भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए टोपो लैंड को वैकल्पिक स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
जिले में दाखिल-खारिज के 1,709 मामले लंबित
पटना जिले में दाखिल-खारिज के 75 दिनों से अधिक पुराने 1,709 मामले अब भी लंबित हैं। सबसे अधिक मामले संपतचक (636), बिहटा (499), दीदारगंज (156), धनरूआ (105) और नौबतपुर (82) में हैं। सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया कि इस माह के अंत तक सभी लंबित मामलों का निष्पादन कर लिया जाए।
भू-प्रबंधन और विकास कार्यों पर भी विशेष ध्यान
डीएम ने भूमि नापी, सीमांकन, अतिक्रमण हटाने, भू-अर्जन और आधार सीडिंग जैसे मामलों की भी समीक्षा की। विशेष तौर पर पंचायत, स्वास्थ्य, आईसीडीएस और कल्याण विभाग जैसी योजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। आधार सीडिंग में पटना सदर और दानापुर अंचलों को प्राथमिकता देने को कहा गया है।