Bihar News: सीएम नीतीश बिहार में लागू करेंगे 'यूपी मॉडल', इस कारण लिया जा रहा अहम फैसला, जानिए क्या है सरकार का प्लान?

Bihar News: सीएम नीतीश बिहार में यूपी मॉडल लागू करेंगे। सीएम नीतीश ने ये निर्णय क्यों लिया है और किस मामले में यूपी मॉडल लागू होने की बात कही जा रही है आइए विस्तार से समझते हैं....

सीएम नीतीश
सीएम नीतीश लागू करेंगे यूपी मॉडल- फोटो : social media

Bihar News: बिहार में अब यूपी मॉडल लागू होगा। बता दें कि, अपराध को रोकने के लिए पहले से ही बिहार में यूपी मॉडल लागू है। ऑपरेशन लंगड़ा सहित कई अभियान नीतीश सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं। इसी बीच अब नीतीश सरकार ने एक और क्षेत्र में यूपी मॉडल लागू करने का निर्णय लिया है। दरअसल, राज्य में यातायात को रफ्तार देने के लिए यह फैसला लिया गया है। यतायात को मजबूत करने के लिए नीतीश सरकार अब 'उत्तर प्रदेश मॉडल' को अपनाने जा रही है।

बिहार में बनेगा स्वतंत्र प्राधिकार गठन

दरअसल, राज्य के 'सात निश्चय-3' कार्यक्रम के तहत घोषित पाँच एक्सप्रेसवे का निर्माण निजी साझेदारी (PPP Mode) और स्वतंत्र प्राधिकार के माध्यम से किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य 2030 तक इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पूरा करना है। मालूम हो कि, देश में सर्वाधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य होने के कारण बिहार ने यूपी के फॉर्मूले पर चलने का निर्णय लिया है। पथ निर्माण विभाग की हालिया समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि यूपी सरकार ने 'यूपी एक्सप्रेसवे प्राधिकार' का गठन कर वित्तीय संस्थानों से कर्ज लिया, जिसमें सरकार केवल गारंटर बनी। इसी तर्ज पर बिहार में भी एक स्वतंत्र प्राधिकार गठित करने पर विचार चल रहा है।

नीतीश सरकार की रणनीति 

नीतीश सरकार दो रणनीति पर काम करेगी। पहला टोल वसूली जिसके तहत नेशनल हाईवे (NH) की तर्ज पर टोल के माध्यम से लागत की वसूली होगी, जिससे सरकारी खजाने पर सीधा वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। दूसरा वित्तीय मॉडल की रणनीति यानि बैंक और वित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी।

 ये हैं 5 प्रस्तावित मार्ग

राज्य सरकार ने जिन पाँच प्रमुख एक्सप्रेसवे को प्राथमिकता दी है, वे बिहार के विभिन्न कोनों को पड़ोसी राज्यों और बंदरगाहों से जोड़ेंगे। इनमें पटना - पूर्णिया, गोरखपुर - सिलीगुड़ी, रक्सौल - हल्दिया, बक्सर - भागलपुर और वाराणसी - कोलकाता शामिल हैं। इन एक्सप्रेसवे का मार्ग केवल यातायात सुगमता को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास को ध्यान में रखकर तय किया जाएगा। इसके लिए पथ निर्माण विभाग के साथ-साथ नगर विकास और उद्योग विभाग भी मिलकर काम करेंगे। 

कैबिनेट से मिलेगी मंजूरी 

मुख्य सचिव के स्तर पर जल्द ही रूट मैप को अंतिम रूप देकर कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी। गौरतलब हो कि, वर्तमान में देश के 9 नेशनल एक्सप्रेसवे में से केवल एक (पटना-पूर्णिया) बिहार के हिस्से में है। नई योजना के बाद बिहार के अपने 'स्टेट एक्सप्रेसवे' होंगे, जो राज्य की आर्थिक प्रगति को नई दिशा देंगे।