LPG Cylinder New Rate: बिहार चुनाव के बीच सस्ता हुआ एलपीजी सिलेंडर, उपभोक्ताओं को मिली बड़ी राहत, जानिए ताजा रेट
LPG Cylinder New Rate: बिहार चुनाव के बीच एलपीजी सिलेंडर सस्ता हुआ है। महीने के पहले दिन उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। पटना से लेकर दिल्ली तक के रेट में बदलाव हुआ है।
LPG Cylinder New Rate: बिहार चुनाव के बीच गैस उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। महीने के पहले दिन कई नियमों में बदलाव होता है। गैस सिलेंडरों के भी नए रेट जारी होते हैं। इसी कड़ी में आज यानी 1 नवंबर को देशभर में लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर के नए रेट जारी किए गए। बिहार चुनावी माहौल के बीच कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के उपभोक्ताओं को राहत मिली है, जबकि घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर हुआ सस्ता
तेल विपणन कंपनियों ने 19 किलो वाले कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में मामूली कटौती की है। दिल्ली में अब सिलेंडर ₹1590.50 का मिलेगा, पहले ₹1595.50 था। कोलकाता में कीमत ₹1700.50 से घटकर ₹1694 हो गई है। मुंबई में सिलेंडर ₹1542 में मिलेगा, जो पहले ₹1547 का था। चेन्नई में अब कीमत ₹1750, पहले ₹1754.50 थी। यानी उपभोक्ताओं को 5 से 6.50 रुपये तक की राहत मिली है। पिछले एक साल में कॉमर्शियल सिलेंडर के दामों में 200 रुपये से अधिक की कमी आई है। 1 नवंबर 2024 को दिल्ली में इसकी कीमत ₹1802 थी, जो अब घटकर ₹1590.50 रह गई है।
घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम स्थिर
14.2 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट में आज कोई बदलाव नहीं हुआ है। इंडियन ऑयल के आंकड़ों के अनुसार, आज देश के प्रमुख शहरों में दाम इस प्रकार हैं दिल्ली में ₹853, मुंबई में ₹852.50, लखनऊ में ₹890.50, पटना में ₹951, कारगिल में ₹985.50,पुलवामा में ₹969, बागेश्वर में ₹890.50।
अलग-अलग शहरों में क्यों अलग हैं एलपीजी रेट?
देशभर में एलपीजी सिलेंडर की कीमतें एक समान नहीं होतीं। कुछ जगहों पर 900 रुपये से कम तो कुछ शहरों में इससे ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। इसके पीछे कई कारण हैं जैसे हर राज्य में वैट (Value Added Tax) की दर अलग होती है। कुछ राज्य LPG पर अतिरिक्त उपकर भी लगाते हैं, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं। रिफाइनरी या गैस डिपो से दूर-दराज इलाकों तक सिलेंडर पहुंचाने में ज्यादा खर्च आता है। पहाड़ी या ग्रामीण क्षेत्रों में यही लागत कीमतें बढ़ाने का प्रमुख कारण बनती है। डीलर मार्जिन, भंडारण लागत और स्थानीय नियमों के चलते भी रेट में अंतर रहता है।बड़े शहरों में वितरण व्यवस्था बेहतर होती है, जिससे लागत घटती है। वहीं, छोटे कस्बों या कठिन भौगोलिक इलाकों में गैस पहुंचाने की लागत अधिक होती है।