देशभक्ति की धधकती ज्योति में जगमगाया NSMCH,स्वतंत्रता दिवस पर कविताओं की सुगंध से महका परिसर, गूँजा- भारत माता की जय

नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रांगण में ध्वजारोहण के पावन क्षण को संस्थान के प्रबंध निदेशक कृष्ण मुरारी, मेडिकल डायरेक्टर प्रो. रंजीत सिंह, प्राचार्य प्रो. अशोक शरण तथा डीन प्रो.हरिहर दीक्षित ने संयुक्त रूप सेसंपन्न किया।

Patna NSMCH
देशभक्ति की धधकती ज्योति में जगमगाया NSMCH- फोटो : reporter

Patna: नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NSMCH) का प्रांगण 15 अगस्त की भोर से ही तिरंगे की पावन छटा में रंग उठा। 79वें स्वतंत्रता दिवस का यह अवसर मानो किसी महाकाव्य की जीवंत झांकी बन गया, जहाँ देशभक्ति की धुन और राष्ट्रप्रेम की सुगंध हर श्वास में घुली प्रतीत हो रही थी।

कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत ध्वजारोहण से हुई। राष्ट्रीय ध्वज की फहराती हुई पताका जब नभ को चीरती ऊपर उठी तो उपस्थित जनसमूह की आँखें गर्व और भावनाओं से छलक उठीं। राष्ट्रगान की गूंज से वातावरण ऐसा प्रतीत हुआ मानो धरती और आकाश स्वयं भारत माँ के चरणों में शीश नवाकर उनके यश का गायन कर रहे हों। ध्वजारोहण के पावन क्षण को संस्थान के प्रबंध निदेशक श्री कृष्ण मुरारी, मेडिकल डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) रंजीत सिंह, प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अशोक शरण तथा डीन प्रो. (डॉ.) हरिहर दीक्षित ने संयुक्त रूप से संपन्न किया।

इसके उपरांत छात्रों ने मंच पर अपनी कला और उत्साह का ऐसा अद्भुत प्रदर्शन किया कि पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कभी कविताओं की धारा ने श्रोताओं की आत्मा को झकझोर दिया, तो कभी देशभक्ति गीतों की स्वर-लहरी ने मन को पुलकित कर दिया। नाट्य मंचन ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को जीवंत कर दिया, मानो वीरों की आत्माएँ वहीं उपस्थित होकर इस नई पीढ़ी को आशीर्वाद दे रही हों।

अपने संबोधन में प्रबंध निदेशक और निदेशकमंडल ने विद्यार्थियों, चिकित्सकों और कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की वास्तविक सार्थकता से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि यह दिवस केवल उत्सव का अवसर नहीं, बल्कि आत्ममंथन और कर्तव्य-निर्वहन की शपथ लेने का समय है। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी केवल चिकित्सा जगत के प्रहरी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र के स्वास्थ्य और भविष्य के निर्माता भी हैं। उन्होंने ईमानदारी, समर्पण और सेवा-भाव को स्वतंत्र भारत के सच्चे प्रहरी की पहचान बताया।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में जब एक स्वर में “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के उद्घोष से पूरा परिसर गूंज उठा, तो लगा मानो स्वयं आज़ादी की अमर गाथा आकाश में गूंज रही हो।

79वें स्वतंत्रता दिवस का यह उत्सव न केवल चिकित्सा शिक्षा संस्थान के लिए एक गौरवशाली क्षण बना, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि तिरंगे की छत्रछाया में सेवा और समर्पण ही सच्ची आज़ादी का स्वरूप है।