Bihar News : विश्व क्षय रोग दिवस की पूर्व संध्या पर 'पहल' ने जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन, डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बिहार को की टीबी मुक्त बनाने की अपील
Bihar News : सोमवार को विश्व क्षय रोग दिवस है. इसकी पूर्व संध्या पर पहल की ओर से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बिहार को टीबी मुक्त बनाने की अपील की.....पढ़िए आगे

PATNA : ‘विश्व यक्षमा दिवस’ की पूर्व संध्या पर पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एपरोच फॉर लिविंग (पहल) के तत्वाधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन डॉ0 दिवाकर तेजस्वी क्लिनिक, एक्जीविशन रोड, पटना में किया गया। इस अवसर पर ’’पहल’’ के चिकित्सा निदेशक एवं वरिष्ठ फिजिशियन डॉ0 दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि बिहार में टीबी उन्मूलन के लिए व्यापक जागरूकता और प्रभावी रोकथाम उपायों की सख्त जरूरत है। उन्होंने इस वर्ष की थीम —'Yes! We Can End TB'— का जिक्र करते हुए कहा कि टीबी के खिलाफ लड़ाई में सरकार, चिकित्सा समुदाय और आम जनता की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
बिहार में टीबी की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण बिंदु पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया की इसके लिए कई बातें महत्वपूर्ण हैं- जिनमें टीबी के लक्षणों को पहचानकर शीघ्र जांच कराना आवश्यक है, खांसी, वजन घटने, रात में पसीना आना, बुखार आदि लक्षणों को नजरअंदाज न करें। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त जांच और उपचार उपलब्ध है। टीकाकरण और पोषण- बीसीजी (BCG) टीका नवजात शिशुओं को टीबी से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा, पौष्टिक आहार और इम्यूनिटी मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन महत्वपूर्ण है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने से दवा-प्रतिरोधी (MDR-TB) बन सकती है, जिससे इलाज कठिन हो जाता है। इसलिए मरीजों को पूरा कोर्स लेना चाहिए। संक्रमण की रोकथाम के लिए खुले में थूकने से बचें, खांसते या छींकते समय मुंह पर रूमाल रखें, और हवादार स्थानों में रहें ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। ’निक्षय पोषण योजना’ के तहत टीबी मरीजों को पोषण सहायता के रूप में प्रति माह ₹500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। सभी मरीजों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।
डॉ0 तेजस्वी ने बताया कि बिहार सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को मिलकर सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ानी होगी। मोबाइल टीबी यूनिट्स, डिजिटल एक्स-रे और जीन एक्सपर्ट टेस्टिंग जैसी सुविधाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी चिकित्सा कर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम जनता से आह्वान किया कि वे टीबी के खिलाफ इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। सही जानकारी और सही कदम उठाकर हम बिहार को टीबी मुक्त बना सकते हैं।