Patna Highcourt:पटना हाईकोर्ट ने अवैध बालू खनन से संबंधित धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अजय सिंह की गिरफ्तारी को अवैध ठहराया है। अदालत ने कहा है कि यह गिरफ्तारी पीएमएलए (धनशोधन निवारण अधिनियम) की धारा 19(1) का उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति बिवेक चौधरी ने अजय सिंह की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताया। अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी रिपोर्ट में कोई संतोषजनक तथ्य नहीं हैं और यह साबित नहीं होता कि अजय सिंह पीएमएलए की धारा-3 के तहत अपराध के दोषी हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी यह साबित करने में विफल रही कि अजय सिंह ने अवैध बालू खनन से प्राप्त किसी भी धन को छिपाने, कब्जा करने, अधिग्रहण करने या उपयोग करने में कोई भूमिका निभाई।अदालत ने अजय सिंह को मुचलका या बॉण्ड दाखिल करने पर तुरंत रिहा करने का आदेश दिया।
बता दें अजय सिंह, जो फिलहाल बेऊर जेल में न्यायिक हिरासत में हैं, ने ईडी की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाने वाले आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध, मनमाना और नियमों का उल्लंघन बताया था।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अजय सिंह की 28 सितंबर 2024 की गिरफ्तारी अवैध है। अदालत ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि अजय सिंह ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अवैध बालू खनन से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल होने का प्रयास किया या जानबूझकर सहायता की। हाईकोर्ट के आदेश के बाद, पटना पीएमएलए की विशेष अदालत ने अजय सिंह को एक लाख के दो बॉण्ड दाखिल करने पर जेल से रिहा करने का आदेश जारी किया।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केवल शक के आधार पर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और ईडी को यह साबित करना होगा कि आरोपी वास्तव में धनशोधन में शामिल था।