BPSC : पटना हाईकोर्ट का BPSC को परीक्षा संचालित कराने पर बड़ा सुझाव, परीक्षाओं की प्रक्रिया पर अब ऐसे रखें नजर
70वीं बीपीएससी सिविल प्रारंभिक परीक्षा की पुनः मांग करने याचिका खारिज करते हुए पटना हाई कोर्ट ने जहां अभ्यर्थियों को बड़ा झटका दिया है. वहीं कोर्ट ने बीपीएससी को महत्वपूर्ण सुझाव दिया है जिससे परीक्षा में अनियमितता दूर हो सके.

BPSC : पटना हाईकोर्ट ने 70वीं बीपीएससी सिविल प्रारंभिक परीक्षा की पुनः मांग करने वाले उम्मीदवारों को बड़ा झटका दिया। पटना हाईकोर्ट ने 70वीं बीपीएससी सिविल प्रारंभिक परीक्षा पुनः कराये जाने सम्बन्धी सभी याचिकायों को ख़ारिज करते हुए बीपीएससी सिविल सर्विस मुख्य परीक्षा कराने का रास्ता साफ कर दिया।कोर्ट के इस आदेश से राज्य सरकार और बीपीएससी को बड़ी राहत दी । पप्पू कुमार व अन्य की याचिकाओं पर एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस सम्बन्ध में दायर जनहित याचिका सहित सभी याचिकायों पर सुनवाई पूरी कर 19मार्च, 2025 निर्णय सुरक्षित रखा था,जिस पर आज कोर्ट ने ये फैसला दिया।
कोर्ट ने अपने निर्णय में राज्य सरकार व बीपीएससी को परीक्षा संचालित करने के लिए कई सुझाव दिया है। कोर्ट ने उन्हें एक स्थायी समिति गठित करने को कहा है, जो इन परीक्षाओं की प्रक्रिया पर नजर रखेगा। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि ये परीक्षाये साफ सुथरे व निष्पक्ष तरीके से हो,ये बहुत सख्ती से सुनिश्चित किया जाये। साथ ही ऐसी व्यवस्था हो, जिसमें आम परीक्षार्थियों को परेशानी नहीं हो। साथ ही असामाजिक तत्वों को अलग रखा जाये,ताकि वे कोई गड़बड़ी नहीं कर सके। ये फैसला उन उम्मीदवारों के लिए काफी बड़ा झटका हैं, जिन्होंने 70वीं बीपीएससी सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर पुनः प्रारंभिक परीक्षा कराये जाने की मांग की थी।
पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से पक्षों को प्रस्तुत करते हुए महाधिवक्ता पीके शाही ने सभी आरोपों को इंकार किया। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में कोई गड़बड़ी या अनियमितताएँ नही हुई। उन्होंने बताया कि कहीं भी कोई प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ है ।उन्होंने बताया था कि ये सारे आरोप राजनीति से प्रेरित लगते है। रीय अधिवक्ता वाई वी गिरी ने कोर्ट को बताया था कि इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुआ,लेकिन बीपीएससी न तो इन मामलों की जांच करा रही है, न ही पुनः परीक्षा लेने को तैयार है। उन्होंने बताया था कि चार लाख उम्मीदवारों की प्रारंभिक परीक्षा 912 केन्द्रो पर 13दिसंबर, 2024 को हुआ।बहुत सारे परीक्षा केंद्रो पर प्रश्नपत्र परीक्षा जारी रहने के दौरान ही लीक होने का आरोप लगाया गया।
4जनवरी, 2025 को बापू सभागार केंद्र, पटना में ही आयोग ने पुनः परीक्षा कराया था।प्रशांत शेखर की याचिका पर बहस करते हुए वरीय अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि इस परीक्षा में काफी गड़बड़ियाँ और अव्यवस्था रही है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जिस तरह से कुछ परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा रद्द कर 4 जनवरी,2025 को पुनः परीक्षा कराई गई, वह भारतीय संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कई प्रश्न व उनके उत्तरों के विकल्प गलत रहे।इससे कई परीक्षार्थियों को नुकसान हुआ।इससे काफी उम्मीदवारों का परिणाम प्रभावित हुआ।
19मार्च , 2025 को इन मामलों पर कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था,जिसे आज सुनाया गया। कुछ उम्मीदवारों ने कोर्ट के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे थे ।