फुलवारी-दानापुर समेत बिहार के 220 रेल फाटकों पर बनेंगे ओवरब्रिज, 18 महीने में खत्म होगा जाम का झंझट

पटना के फुलवारी और दानापुर सहित बिहार के 220 रेल फाटकों पर 18 महीने में आरओबी/आरयूबी बनकर तैयार होंगे। राज्य सरकार और रेलवे के बीच हुए करार से 20 लाख लोगों को राहत मिलेगी।

फुलवारी-दानापुर समेत बिहार के 220 रेल फाटकों पर बनेंगे ओवरब्

Patna - बिहार के रेल यात्रियों और आम जनता के लिए राहत भरी खबर है। पटना के फुलवारीशरीफ, दानापुर और मसौढ़ी सहित राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित 220 रेल फाटकों पर रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) या रेलवे अंडर ब्रिज (RUB) बनाए जाएंगे। इस विशाल परियोजना को लेकर राज्य सरकार और रेलवे के बीच ऐतिहासिक करार हुआ है। इस पहल से रेल फाटकों पर लगने वाले भीषण जाम से लोगों को हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।

राज्य सरकार वहन करेगी पूरा खर्च 

इस समझौते की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सभी 220 आरओबी और आरयूबी के निर्माण पर आने वाला पूरा खर्च बिहार सरकार खुद वहन करेगी। फंड की उपलब्धता सुनिश्चित होने से काम में वित्तीय अड़चनें नहीं आएंगी। पथ निर्माण विभाग को इस पूरी परियोजना की कमान सौंपी गई है, जो रेलवे के साथ समन्वय बनाकर निर्माण कार्य की निगरानी करेगा।

18 महीने का लक्ष्य और 20 लाख को फायदा 

परियोजना के लिए 18 महीने की सख्त समय-सीमा निर्धारित की गई है। इस अवधि के भीतर निर्माण कार्य पूरा करना होगा, ताकि राज्य की करीब 20 लाख की आबादी को इसका सीधा लाभ मिल सके। अक्सर रेल प्रोजेक्ट्स में अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के कारण देरी होती है, लेकिन इस करार के बाद एनओसी की कोई समस्या नहीं आएगी और काम निर्बाध गति से चलेगा।

इन प्रमुख रूटों पर बिछेगा ब्रिजों का जाल 

परियोजना के तहत पटना-गया रूट, बापूधाम मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर और छपरा जैसे महत्वपूर्ण रेल खंडों को शामिल किया गया है। सूची में फुलवारीशरीफ-दानापुर, रघुनाथपुर, डुमरांव, सहरसा-पूर्णिया और कटिहार जैसे व्यस्त फाटकों का नाम प्रमुखता से शामिल है। इन जगहों पर ब्रिज बनने से न केवल यातायात सुगम होगा बल्कि दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

बिहार की कनेक्टिविटी को मिलेगी नई रफ्तार 

पथ निर्माण विभाग अब जल्द ही धरातल पर काम शुरू करने की तैयारी में है। सुधानी-बारसोई से लेकर सीवान और बेतिया तक, इन 220 ओवरब्रिज और अंडरपास के बन जाने से बिहार का बुनियादी ढांचा काफी मजबूत होगा। यह प्रोजेक्ट न केवल शहरों की रफ्तार बढ़ाएगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की पहुंच भी मुख्य सड़कों तक आसान कर देगा।