Indian Railway: पटना को मिला नया रेल घेरा, दैनिक यात्रियों के लिए 3 नए रेल कॉरिडोर, जहानाबाद-आरा-बक्सर-छपरा- समेत कई जिलों के स्टेशन शामिल, रफ़्तार से बदलेगा करोड़ों लोगों का सफर
बिहार में तीन नए रेल कॉरिडोर तैयार किए जा रहे हैं, जो पटना के प्रस्तावित रिंग रेल नेटवर्क से सीधे जुड़े रहेंगे। यह नेटवर्क राजधानी में मौजूदा डायनेमिक यातायात दबाव को कम करेगा और रोज़ाना सफ़र करने वाले यात्रियों को राहत देगा।
Indian Railway:बिहार में दैनिक यात्रियों की सुविधाओं को लेकर रेलवे एक बड़े बदलाव की दस्तक देने वाला है। प्रदेश में तीन नए रेल कॉरिडोर तैयार किए जा रहे हैं, जो पटना के प्रस्तावित रिंग रेल नेटवर्क से सीधे जुड़े रहेंगे। यह नेटवर्क राजधानी में मौजूदा डायनेमिक यातायात दबाव को कम करेगा और रोज़ाना सफ़र करने वाले यात्रियों को राहत देगा। रेलवे इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर चुका है, जबकि प्रारंभिक सर्वे प्रक्रिया तेज़ की जा रही है।
इन तीनों कॉरिडोर में बक्सर, आरा, लखीसराय, छपरा, वैशाली, नालंदा, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद सहित कई ज़िलों के महत्वपूर्ण स्टेशनों का इंतज़ामिया तौर पर चयन किया जा रहा है। कुल 260 किमी लंबे ट्रैक के निर्माण का खाका तैयार है, जिस पर लगभग नौ हज़ार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस पूरी परियोजना का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग हिस्सा होगा—दीदारगंज–फतुहा के बीच 10 किमी लंबा रेल पुल, जो गंगा नदी पर कच्ची दरगाह–बिदुपुर छह लेन सेतु के समानांतर बनाया जाएगा। इस पुल का सर्वे कराने के लिए रेलवे बोर्ड ने 30 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही जारी कर दी है। सर्वे के बाद डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार होगी और इसके बाद निर्माण का रास्ता साफ़ होगा।
पटना शहर के चारों ओर जिस तरह रिंग रोड का निर्माण हो रहा है, उसी तर्ज पर अब रिंग रेल नेटवर्क की परिकल्पना तैयार है। यह रिंग नेटवर्क तीनों कॉरिडोर को आपस में जोड़कर एक ऐसा दायरा बनाएगा, जहाँ से राजधानी में प्रवेश और निकासी दोनों आसान हो जाएगी।
इन कॉरिडोर पर सुबह और शाम दैनिक यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष लोकल ट्रेनें चलाई जाएँगी। वहीं दोपहर के समय, जब लोकल यात्रियों का दबाव कम रहता है, तो इन्हीं लाइनों पर लंबी दूरी की ट्रेनों के संचालन की भी योजना है। रेलवे मानता है कि इससे पूरे मध्य बिहार, उत्तर बिहार और मगध के बीच आवागमन में नई तेज़ी और सुलभता आएगी।
ईस्ट–वेस्ट कॉरिडोर
बक्सर से किऊल के बीच बनाया जाएगा यह कॉरिडोर पटना के पूर्व और पश्चिम दिशा के यात्री दबाव को संतुलित करेगा। आरा, पटना, लखीसराय जैसे प्रमुख स्टेशनों को एक सीधी व समन्वित रेल लाइन से जोड़ देगा।
नॉर्थ कॉरिडोर
फतुहा, पटना, सोनपुर, हाजीपुर, छपरा और मुजफ्फरपुर के बीच प्रस्तावित यह कॉरिडोर उत्तर बिहार के भीषण यात्री दबाव को कम करेगा और राजधानी से जुड़ाव को मजबूत करेगा।
सेंट्रल कॉरिडोर
पटना से गया और जहानाबाद के बीच, फतुहा-बख्तियारपुर-नालंदा होकर निकलने वाला यह मार्ग शिक्षा, उद्योग और धार्मिक पर्यटन के लिहाज़ से बेहद उपयोगी साबित होगा।बहरहाल यह पूरा नेटवर्क बिहार के लिए सिर्फ़ रेल परियोजना नहीं, बल्कि आवागमन की तस्वीर बदलने वाला इंफ़्रास्ट्रक्चर मिशन बनने जा रहा है।