राबड़ी देवी ने सगे नहीं, सच्चे भाई को बांधी राखी, साधु-सुभाष यादव से रिश्तों में अब भी खटास बरकरार, जानिए कौन हैं सुनील सिंह
रक्षाबंधन पर एक बार फिर यह साफ हो गया कि राबड़ी देवी के सगे भाई साधु यादव और सुभाष यादव से उनके संबंध अब भी मधुर नहीं हैं। उन्होंने भाई बहन के त्योहार को सगे नहीं सच्चे भाई सुनील सिंह के साथ मनाया.

Rabri Devi : रक्षाबंधन के अवसर पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राजद की वरिष्ठ नेता राबड़ी देवी ने एक बार फिर अपने मुंहबोले भाई और पार्टी के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह को राखी बांधी। इस मौके पर राबड़ी देवी ने सुनील सिंह की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की। राबड़ी देवी हर वर्ष की तरह इस बार भी परंपरा निभाते हुए सुनील सिंह के हाथ में राखी बांधने के लिए उनके आवास पर पहुंचीं।
गौरतलब है कि सुनील कुमार सिंह राष्ट्रीय जनता दल से विधान परिषद सदस्य हैं। इसके साथ ही उन्हें राजद प्रदेश कोषाध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। राबड़ी देवी और सुनील सिंह के बीच वर्षों से पारिवारिक जैसा रिश्ता रहा है। राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों ही मोर्चों पर सुनील सिंह को लालू-राबड़ी परिवार का करीबी माना जाता है।
हालांकि इस रक्षाबंधन पर एक बार फिर यह साफ हो गया कि राबड़ी देवी के सगे भाई साधु यादव और सुभाष यादव से उनके संबंध अब भी मधुर नहीं हैं। राबड़ी देवी ने न तो उनसे कोई संपर्क साधा और न ही राखी बांधने का कोई कार्यक्रम हुआ। लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के सत्ता से हटने के बाद साधु और सुभाष यादव से उनके रिश्तों में काफी खटास आ गई थी, जो अब तक कायम है। राबड़ी देवी द्वारा हर साल सुनील सिंह को राखी बांधना यह दर्शाता है कि परिवार के बाहर भी गहरे रिश्ते बन सकते हैं, जबकि खून के रिश्ते समय के साथ कमजोर पड़ सकते हैं।
कौन हैं सुनील सिंह
सुनील कुमार सिंह बिस्कोमान के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। वे पार्टी के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं और राजद प्रदेश कोषाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। सुनील सिंह को लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का करीबी माना जाता है। वर्षों से वे राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई हैं और रक्षाबंधन पर हर साल उनसे राखी बंधवाते हैं। संगठनात्मक कुशलता, ईमानदारी और राजनैतिक निष्ठा के कारण सुनील सिंह की पकड़ पार्टी के अंदर मजबूत मानी जाती है।