पीके के हुए रामचंद्र ... कभी दोनों थे नीतीश कुमार के दो हाथ, अब सीएम की कुर्सी छीनने जनसुराज में हुआ आसा का विलय
बिहार की सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ है. कभी जदयू में एक साथ पीके और आरसीपी सिंह ने अब नीतीश कुमार को बिहार की सत्ता से हटाने के लिए एक साथ आ गए हैं. जनसुराज में आसा का विलय हो गया है.

RCP Singh: किसी दौर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो हाथ माने जाने वाले प्रशांत किशोर और रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह अब नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी से हटाने के लिए के साथ आ गए हैं. आरसीपी सिंह ने रविवार को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का दामन थाम लिया. आरसीपी ने अपनी पार्टी आसा का जनसुराज में विलय कर लिया है. प्रशांत किशोर सहित जनसुराज के कई नेताओं की मौजूदगी में आरसीपी सिंह ने पीके की पार्टी में अपने दल का विलय किया.
जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह ने 31 अक्टूबर 2024 को अपनी पार्टी “आप सब की आवाज” यानी आसा का गठन किया था. अब विधानसभा चुनावों के पहले उन्होंने एक बड़ा फैसला लेते हुए आसा का विलय जनसुराज में कर लिया. आरसीपी सिंह ने कहा कि आज रविवार है, सूर्य भगवान का दिन है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपनी पार्टी का विलय करूंगा, लेकिन यह हो गया. यह ईश्वर का आशीर्वाद है. आरसीपी सिंह ने कहा कि वे पिछले दो वर्षों से बिहार में घूम रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं और अब एक नई लड़ाई के लिए तैयार हैं. महागठबंधन की सरकार के वक्त जैसी मेहनत की गई थी, अब फिर वैसी मेहनत होगी – मगर इस बार खुद के लिए.
वहीं प्रशांत किशोर ने आरसीपी सिंह के जनसुराज संग आने को नीतीश कुमार के खिलाफ एक मजबूत गठजोड़ बताते हुए कहा कि 'कमजोर नीतीश कुमार को गिद्ध की तरह नोचा जा रहा है'. जदयू में जो लोग खुद को नेतृत्वकर्ता कहते हैं, वे नीतीश कुमार को कितना सहयोग करते थे, यह सबको पता है. पीके ने बिना किसी का नाम लिए यहां तक कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में शामिल कुछ मंत्री 'वसूली मंत्री' हैं.
जदयू में दोनों थे साथ
दरअसल, आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर इसके पहले भी एक साथ काम कर चुके हैं. नीतीश कुमार ने जब प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी में शामिल कराया था उस समय आरसीपी सिंह जदयू के वरिष्ठ नेता थे. नीतीश कुमार के बेहद करीबी थे. वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय दोनों ने जदयू के लिए एक साथ मिलकर काम किया था. बाद में पीके जदयू से अलग हो गए. उसके बाद आरसीपी को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन नीतीश कुमार से संबंध खराब होने के बाद आरसीपी भी पार्टी से अलग हो गए. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब हम पार्टी में थे तब ‘RCP टैक्स' लगता था, अब पार्टी छोड़ दिए हैं अब कौन टैक्स ले रहा है?