Bihar Private Hospital: जिंदगी बचाने की जगह पर लाइफ से हार गई महिला! डॉक्टरों की लापरवाही से 3 बच्चों की मां ने दुनिया को कहा दिया अलविदा, प्रशासन की भी गलती आई सामने

Bihar Private Hospital: पौल के गोविंदपुर की राधा देवी की निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पहले ही चेतावनी मिलने के बावजूद अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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Bihar Private Hospital- फोटो : social media

Bihar Private Hospital: बिहार के सुपौल जिले के प्रतापगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला की संदिग्ध मौत ने स्वास्थ्य तंत्र की लापरवाही की पोल खोल दी है। मृतका की पहचान राधा देवी (32), पति फूल कुमार शर्मा, निवासी गोविंदपुर पंचायत के रूप में हुई है।

इलाज के दौरान दम तोड़ा, परिजनों ने मचाया हंगामा

शनिवार को राधा देवी का इलाज चल रहा था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद परिजन और ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर में जमकर बवाल किया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने हालात को नियंत्रित किया। वहीं देर रात जब मृतका का शव गांव पहुंचा, तो पूरा माहौल शोकाकुल हो गया। मृतका तीन छोटे बच्चों की मां थी, जिससे घर पर कोहराम मच गया।

11 नर्सिंग होम पहले से गैर-कानूनी घोषित, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं

इस हादसे के बाद जब पत्रकार ने पीएचसी प्रतापगंज के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (BPMU) से संपर्क किया, तो एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।दरअसल, 12 में से 11 नर्सिंग होम पहले ही गैर-कानूनी रूप से संचालित पाए गए थे, जिन पर 12 नवंबर 2024 को असैनिक शल्य चिकित्सक सह सीएस सुपौल द्वारा जांच प्रतिवेदन मांगा गया था।प्रखंड इकाई ने 24 दिसंबर 2024 को 11 नर्सिंग होम को चेतावनी पत्र जारी कर कहा था कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010-2013 के तहत निबंधन अनिवार्य है, अन्यथा इनके खिलाफ एफआईआर कर कार्रवाई की जाएगी।लेकिन इसके बावजूद आज तक न कोई जांच हुई और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई।

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बढ़ते आत्मविश्वास से बेलगाम हो गए संचालक

कानूनी कार्रवाई न होने के कारण अस्पताल संचालकों का मनोबल लगातार बढ़ता गया। बिना निबंधन के कई निजी संस्थान धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिनमें न डॉक्टरों की क्वालिफिकेशन की जांच होती है और न ही कोई सुविधा मानक के अनुरूप होती है।