RJD on Anant Singh: बिहार के मोकामा के बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह के ऊपर बीते दिन जानलेवा हमला हुआ। इस हमले में अनंत सिंह बाल बाल बचे। जानकारी अनुसार पूर्व विधायक अनंत सिंह के समर्थकों और सोनू मोनू गिरोह के बीच गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच 60 से 70 राउंड फायरिंग की गई। हालांकि पुलिस का कहना है कि 10 से 15 राउंड गोली चली है। पुलिस फिलहाल इस मामले में जांच में जुटी है। वहीं अब इस मामले में राजद ने बड़ा हमला बोला है। राजद ने इस मामले में ना सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है बल्कि सीएम नीतीश को भी घेरा है।
सत्ता संरक्षित अपराधी खुलेआम कर रहे तांडव
राजद के प्रवक्ता शक्ति यादव ने इस मामले में प्रेस कॉन्फेंस कर बिहार के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि, सत्ता संरक्षित अपराधी पटना में खुलेआम तांडव कर रहे हैं। जदयू के विधायक रहे और पूर्व विधायक ने जिस तरह कल गुंडागर्दी की खुलेआम सुशासन को चुनौती देते हुए गोलीबारी की घटना को अंजाम दी। यह खबर डिजिटल, पेपर सभी चैनलों पर सुर्खियों में रहा। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शायद इन घटनाओं की जानकारी तक नहीं है, या वे इससे अनजान बने हुए हैं।
पटना से सटे इलाके में चल रहा एके-47 का तांडव
राजद प्रवक्ता ने कहा कि पटना से सटे मोकामा में जो घटना हुई। एके-47 जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया। मोकामा में एके-47 का तांडव चल रहा है। घर में घुसकर गोलीबारी हो रही है। थाना के कुछ कदम के दूरी पर ही घटना को अंजाम दिया गया है। इस घटना ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग गया है। वो इंसान तांडव कर रहा है। आरोपी छवि का व्यक्ति कह रहा है कि उसे कोई परवाह नहीं है कितना भी एफआईआर हो जाए। राजद ने कहा कि आम जनता में इस बात को लेकर नाराजगी है कि बिहार में शासन व्यवस्था केवल नाम की रह गई है। सुशासन के दावों के बीच, अपराधियों का बोलबाला और सत्ता संरक्षित गतिविधियां प्रदेश में चरम पर हैं।
आंतक के राज में सीएम बेखबर
उन्होंने आरोप लगाया है कि बिहार में अब सुशासन की जगह आतंक राज ने ले ली है। जनप्रतिनिधि भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। यह स्थिति केवल कानून-व्यवस्था का ही नहीं, बल्कि सुशासन के दावों की सच्चाई का भी खुलासा करती है। ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार में शासन व्यवस्था आखिर कहां है? पिछले दिनों कोर्ट में पेश होने वाले कुछ लोगों के बयान भी सामने आए थे, जहां उन्होंने सुशासन के दावे पर तंज कसते हुए कहा था कि बिहार में "सुशासन" अब केवल एक शब्द बनकर रह गया है।
पटना से रंजन की रिपोर्ट