Sarkari Naukari: बिहार के सरकारी अस्पतालों में 19830 पदों पर भर्ती, जल्द जारी होगा विज्ञापन
Sarkari Naukari: बिहार के सरकारी अस्पतालों में 19830 पदों पर भर्ती की तैयारी शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने BTSC और BPSC को अधियाचन भेज दिया है। डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन समेत कई पदों पर बहाली होगी।

बिहार के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी भर्ती की योजना बनाई है। बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में 19830 नए पदों पर भर्ती के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत विभिन्न स्तर के सामान्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों, फार्मासिस्टों, प्रयोगशाला तकनीशियनों, एक्स-रे टेक्नीशियनों, ओटी असिस्टेंट और नर्सों की नियुक्ति की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को संबंधित अधियाचनाएं भेज दी गई हैं। इन पदों में से अधिकतर भर्ती BTSC के माध्यम से होगी, जिसमें कुल 36906 पदों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा BPSC के माध्यम से 1827 पदों पर भर्ती की जाएगी।
विशेषज्ञ चिकित्सा पदों पर होगी भर्ती
इस भर्ती में प्रमुख पदों में शामिल हैं – पटना के आइजीआइसी में सहायक निदेशक के 18 पद, विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों के 3623 पद, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी के 667 पद, और डेंटल डॉक्टर के 808 पद। इसके साथ ही राज्यभर के अस्पतालों में फार्मासिस्ट, ड्रेसर, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, ओटी असिस्टेंट, ईसीजी टेक्नीशियन जैसे तकनीकी पदों पर नियुक्ति की जाएगी।
नर्सिंग और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी होंगी मजबूत
राज्यभर के विभिन्न अस्पतालों में नर्सिंग कर्मचारियों के लिए भी बड़ी भर्ती की जाएगी। इसमें एएनएम के 10709, स्टाफ नर्स (जीएनएम) के 7903, और ट्यूटर (नर्सिंग) के 498 पद शामिल हैं। इसके अलावा, कीट संग्रहकर्ता (फाइलेरिया) के 53 रिक्त पदों पर भी नियुक्ति की जाएगी।
BPSC के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में होगी भर्ती
बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 1711 असिस्टेंट प्रोफेसर और आयुष मेडिकल कॉलेजों में 116 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया की जाएगी। इसके अतिरिक्त, जूनियर रेजिडेंट के एक वर्षीय टेन्योर के तहत 698 पदों पर भी भर्ती की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इन पदों पर नियुक्ति से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा प्राप्त होगी।