Patna News: मोकामा में दलित नेता राम विलास पासवान की तोड़ी प्रतिमा ,असामाजिक तत्वों की करतूत से मचा हड़कंप
Patna News: देश के प्रमुख दलित नेता, लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राम विलास पासवान की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।

Patna News: पटना के मोकामा टाल क्षेत्र के चाराडीह गांव में एक शर्मनाक घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। देश के प्रमुख दलित नेता, लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राम विलास पासवान की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा किया है, बल्कि मोकामा से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गहरी नाराजगी और चिंता की लहर दौड़ गई है। पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, और दोषियों की तलाश में तफ्तीश तेज कर दी गई है।
घटना मोकामा टाल क्षेत्र के चाराडीह गांव में हुई, जहां स्वर्गीय राम विलास पासवान की एक आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई थी। यह प्रतिमा दलित समुदाय के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक थी, क्योंकि राम विलास पासवान ने अपने पांच दशक लंबे राजनीतिक करियर में दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया। सूत्रों के अनुसार, असामाजिक तत्वों ने देर रात इस प्रतिमा पर हमला किया और ईंटों से प्रहार कर प्रतिमा की नाक को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस निंदनीय कृत्य ने स्थानीय लोगों में गुस्से की लहर पैदा कर दी, और सुबह होते ही घटना की जानकारी पूरे क्षेत्र में फैल गई।घटना की सूचना मिलते ही घोसवरी प्रखंड के प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस पदाधिकारी तुरंत चाराडीह पहुंचे। स्थानीय दलित कार्यकर्ता मिथिलेश पासवान ने इस घटना के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की, जिसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात असामाजिक तत्वों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह सुनियोजित तरीके से किया गया कृत्य हो सकता है, जिसका मकसद सामाजिक तनाव पैदा करना हो। पुलिस ने मोबाइल टावर डेटा और संभावित चश्मदीदों के बयानों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
राम विलास पासवान की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की इस घटना ने दलित समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह न केवल एक मूर्ति का अपमान है, बल्कि दलित समुदाय की भावनाओं और उनके संघर्ष के प्रतीक पर हमला है। राम विलास पासवान, जो बिहार के खगड़िया जिले के एक साधारण दलित परिवार से निकलकर देश के शीर्ष नेताओं में शुमार हुए, दलित समुदाय के लिए एक आदर्श रहे हैं। उनकी प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करना सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है
इस घटना की खबर मोकामा से दिल्ली तक पहुंची, जिसके बाद कई राजनीतिक नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा की। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और राम विलास पासवान के पुत्र, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने इसे दलित समुदाय के खिलाफ एक सुनियोजित हमला करार देते हुए प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। अन्य दलित नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना को सामाजिक एकता के लिए खतरा बताया और तत्काल जांच की मांग की।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही, लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा की मरम्मत और पुनर्स्थापना की मांग की है। दलित समुदाय के नेताओं ने इस घटना को एकजुट होकर विरोध करने का ऐलान किया है और दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है।
रिपोर्ट-विकाश कुमार