Bihar Bhumi Vivad: जमीन मालिकों ध्यान दें, नीतीश सरकार ने जारी किया कड़ा फरमान,अब जमीन का झगड़ा अंचल में ही निपटाएं, थाने के चक्कर से मिल गया छुटकारा
Bihar Bhumi Vivad:बिहार सरकार ने जमीन विवादों को सुलझाने की दिशा में बड़ा और व्यवहारिक कदम उठाया है। अब हर शनिवार भूमि विवादों की सुनवाई थाने में नहीं बल्कि अंचल कार्यालय में होगी।

Bihar Bhumi Vivad:बिहार सरकार ने जमीन विवादों को सुलझाने की दिशा में बड़ा और व्यवहारिक कदम उठाया है। अब हर शनिवार भूमि विवादों की सुनवाई थाने में नहीं बल्कि अंचल कार्यालय में होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कई अंचलों में एक से अधिक थाना आते हैं, जिससे मामलों के समाधान में भ्रम और देरी होती थी। अब हर शनिवार अंचल स्तर पर बैठक होगी जिसमें अंचलाधिकारी, थानाध्यक्ष (या उनके प्रतिनिधि), राजस्व अधिकारी और हल्का कर्मचारी अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। इसका सीधा अर्थ है कि जमीन विवाद का समाधान प्रशासनिक और राजस्व स्तर पर एकीकृत होकर किया जाएगा।
अगर किसी मामले में स्थल निरीक्षण की आवश्यकता होगी, तो संयुक्त टीम का गठन किया जाएगा। इस टीम में अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष की मौजूदगी प्राथमिकता होगी ताकि जमीन की वास्तविक स्थिति को समझते हुए निष्पक्ष कार्रवाई की जा सके।
सरकार ने साफ निर्देश दिया है कि यदि किसी विवाद में हिंसा की आशंका हो, तो उसकी सूचना तुरंत अनुमंडलाधिकारी को दी जाए। इससे न केवल विवादों को समय रहते सुलझाने में मदद मिलेगी, बल्कि सामाजिक शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में भी आसानी होगी।
बैठकों की कार्यवाही पहले ऑफलाइन दर्ज की जाएगी और फिर मामले के निष्पादन के बाद पूरी रिपोर्ट को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगी।
सिर्फ विवाद निपटारे तक ही यह कवायद सीमित नहीं है। पत्र में अंचलाधिकारियों और थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वे अंचल क्षेत्र में सक्रिय जमीन माफियाओं पर भी पैनी नजर रखें। फर्जी कागजात और धोखाधड़ी के जरिए जमीन खरीद-बिक्री करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह पहल दरअसल बिहार में लंबे समय से जटिल और संवेदनशील बने हुए भूमि विवादों के समाधान का नया प्रयोग है। अब तक पीड़ित पक्ष को थाने का चक्कर लगाना पड़ता था, जहाँ पुलिस का रवैया अक्सर निष्पक्ष नहीं माना जाता था। अब राजस्व और पुलिस, दोनों मिलकर हर सप्ताह जनता के सामने बैठेंगे, जिससे न केवल निर्णय प्रक्रिया तेज होगी बल्कि प्रशासन पर लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा।
बहरहाल अंचल स्तर पर साप्ताहिक बैठकें बिहार की प्रशासनिक कार्यशैली में एक नई पारदर्शी परंपरा स्थापित कर सकती हैं, बशर्ते यह पहल केवल कागज़ी आदेश तक सीमित न रह जाए और जमीन पर ईमानदारी से लागू हो।