Bihar News: आधुनिकता के साथ परंपरा भी, सतुआनी पर तेजस्वी यादव ने सतुआ-आम की चटनी खा कर मनाया पर्व, कहा- छोटे थे तो पिता जी खिलाते थे...
Bihar News: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज अनोखे अदाज में दिखे। तेजस्वी अपने विधानसभा क्षेत्र में सतुआनी का आनंद लेते नजर आएं। तेजस्वी यादव ने सतुआनी के दिन दलितों के साथ बैठकर सत्तू खाते नजर आएं।

Bihar News: बिहार में सतुआनी पर्व का विशेष महत्व है। आज जहां एख ओर बाबा साहब अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर सतुआनी का पर्व भी मनाया जा रहा है। सतुआनी के दिन तेजस्वी यादव अनोखे अंदाज में दिखें। तेजस्वी यादव अपने कार्यकर्ताओं के साथ सतुआ खाते नजर आएं। इस दौरान तेजस्वी यादव ने अपने बचपन को याद करते हुए कहा कि, जब हम छोटे थे तो पिता जी सत्तू खिलाते थे।
तेजस्वी ने दलितों के साथ खाई सत्तू
तेजस्वी यादव ने कहा कि, आज सतुआनी है और हमारे बिहार में परंपरा रही है कि आज के दिन हमलोग सत्तू खाते हैं। उन्होंने कहा कि आज अंबेडकर जयंती ही है। उन्होंने बताया कि आज उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में राघोपुर के रामपुर पंचायत में अंबेडकर जयंती मनाई। वहीं उन्होंने दलित भाइयों के साथ बैठकर सत्तू भी खाई। तेजस्वी ने कहा कि सत्तू मजदूरों और गरीबों का भी कहा है आज कल हर कोई इसे खाने लगा है।
छोटे थे तो पिता जी खिलाते थे
तेजस्वी ने कहा कि जब हम छोटे थे तो सबसे पहले हमारे पिता जी(लालू प्रसाद यादव) सत्तू खिलाए थे। जब भी वो सत्तू सानते थे तो हमलोगों को बुलाते थे और सत्तू खिलाते थे। बता दें कि, सतुआनी पर्व पर सत्तू (भुने हुए चने या जौ का आटा) और कच्चे आम (टिकोरा) का सेवन किया जाता है। यह भोजन गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करता है और सुपाच्य होता है। इसके साथ गुड़, पानी, और अन्य मौसमी फलों का भी सेवन किया जाता है।
बिहार में मनाया जाता है सतुआनी
इस दिन लोग अपने देवी देवता को मिट्टी के घड़े में पानी, गेहूं, जौ, चना और मक्के का सत्तू आम का टिकोला रखते हैं। भगवान को भोग लगाते हैं. फिर प्रसाद के रूप में घर के सभी सदस्य सत्तू आम का टिकोला का चटनी खाते हैं. इस दिन लोग सुबह गंगा में स्नान करके मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। वैज्ञानिक महत्व के रूप में समक्षें तो गर्मियों में सत्तू खाने स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। गर्मी के दिनों में इस अमृत कहा जाता है।
पटना से रंजन की रिपोर्ट