Bihar News: पटना में वूमंस हॉस्पिटल में फर्टिलिटी एनहांसिंग सर्जरी पर रियल हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम सफलतापूर्वक संपन्न
Bihar News: उन्होंने बताया कि इस प्रकार की सर्जरी दो प्रमुख तकनीकों पर आधारित होती है हिस्टेरोस्कोपी और लेप्रोस्कोपी। हिस्टेरोस्कोपी के ज़रिए बच्चेदानी के अंदर की समस्याएं जैसे चिपकन, फाइब्रॉयड या ट्यूब ब्लॉकेज को दूर किया जाता है।

Bihar News: पटना स्थित वूमंस हॉस्पिटल एंड फर्टिलिटी रिसर्च सेंटर में डॉक्टर संजीव कुमार और डॉक्टर कुमारी अनुराग के नेतृत्व में गाइनी दूरबीन सर्जरी पर आधारित रियल हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम का सफल आयोजन हुआ। यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम फर्टिलिटी एनहांसिंग सर्जरी यानी निःसंतानता दूर करने वाली करेक्टिव सर्जरी पर केंद्रित रहा।
डॉ. कुमारी अनुराग ने जानकारी देते हुए बताया कि फर्टिलिटी एनहांसिंग सर्जरी आज के दौर में निःसंतानता के इलाज का एक प्रभावी और आधुनिक विकल्प बन चुकी है। इससे महिलाएं प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर सकती हैं और कई मामलों में IVF जैसे खर्चीले उपचार से भी बचा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार की सर्जरी दो प्रमुख तकनीकों पर आधारित होती है हिस्टेरोस्कोपी और लेप्रोस्कोपी। हिस्टेरोस्कोपी के ज़रिए बच्चेदानी के अंदर की समस्याएं जैसे चिपकन, फाइब्रॉयड या ट्यूब ब्लॉकेज को दूर किया जाता है। लेप्रोस्कोपी के माध्यम से एंडोमेट्रियोसिस, ट्यूब संबंधी विकृति और बड़ी रसौलियों (जैसे फाइब्रॉयड व एडिनोमायोसिस) को पेट में केवल पेंसिल के आकार के छोटे छेद से हटाया जाता है।
इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मरीज को अस्पताल में भर्ती रहने की ज़रूरत नहीं होती। सर्जरी के 4–6 घंटे बाद ही वे सामान्य रूप से चल-फिर सकते हैं और आमतौर पर 24 घंटे के भीतर छुट्टी दे दी जाती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉक्टरों और प्रशिक्षु सर्जनों ने इन आधुनिक तकनीकों को प्रत्यक्ष रूप से सीखा और अनुभव किया, जिससे भविष्य में इस क्षेत्र में और बेहतर उपचार की संभावनाएं खुलती हैं।