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4 Retired IAS Running Bihar: CM नीतीश ने सौंपी 4 रिटायर्ड अधिकारियों के हाथ में बिहार की बागडोर ! मंत्री की भी ये नहीं सुनते..13 करोड़ लोगों की हो रही दुर्गति...

4 Retired IAS Running Bihar: प्रशांत किशोर ने कहा है कि सीएम नीतीश का इकबाल नहीं बचा है। बिहार 4 रिटायर्ड अधिकारियों के भरोसे चल रहा है। ये अधिकारी किसी का नहीं सुनते हैं, केवल अपने मन का करते हैं।

4 Retired IAS Running Bihar
4 Retired IAS Running Bihar- फोटो : social media

4 Retired IAS Running Bihar: बिहार के लोगों ने लालू यादव के राज में अपराधियों का जंगलराज देखा था वहीं अब सीएम नीतीश के राज में अधिकारियों का जंगलराज देखने को मिल रहा है। बिहार में अभी के समय में सरकार का इकबाल नहीं है अधिकारी ही सरकार चला रहे हैं अधिकारी जो कहते हैं वहीं होता है। अधिकारी ना ही किसी मंत्री की सुनते हैं और ना ही जनता की। दरअसल, ये बातें कहना है जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का। प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है। पीके ने कहा है कि सीएम नीतीश ने 4 रिटायर्ड अधिकारियों के हाथ में बिहार की बागडोर सौंप दी है। जिसके कारण प्रदेश के 13 करोड़ लोगों की दुर्गति हो रही है। 

नीतीश राज में अधिकारियों का जंगलराज

प्राशंत किशोर ने कहा है कि, बिहार में अफसरों की लॉबी नहीं, यहां हालात उससे भी ज्यादा खराब हैं। पूरी सरकार चार रिटायर्ड अधिकारियों के भरोसे है। जिन्हें नीतीश ने सलाहकार बना रखा है, वो सरकार चला रहे हैं। न किसी विधायक की सुनी जा रही है, न किसी मंत्री की कोई ताकत है। न मुख्यमंत्री खुद इस स्थिति में है कि कोई निर्णय ले पाएं। चार सलाहकार, जिन्हें जनता ने नहीं चुना है। न अब ये अफसर हैं, क्योंकि रिटायर हो चुके हैं, ये अफसर थे। लेकिन नीतीश के कारण सरकार चला रहे हैं। वो जो चाहते हैं, वही सरकार में होता है। 13 करोड़ लोगों का भविष्य चार रिटायर्ड अधिकारों के भरोसे छोड़ दिया गया है, इसलिए ये दुर्गति है।’

केवल कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं सीएम नीतीश

पीके ने कहा कि सीएम नीतीश में ना ही शारीरिक क्षमता बची है ना ही मानसिक क्षमता बची है। सीएम नीतीश केवल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं..सीएम नीतीश कुछ बोलने या कहने के स्थिति में नहीं है। कुर्सी के मोह में ऐसे फंसे हैं कि केवल कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं बाकि जिसको चलाना है चलाए, जिसको जो करना है करे। सीएम नीतीश में राजनीकिर मोरालिटी नहीं बची है। कभी लालटेन तो कभी भाजपा के साथ आकर सिर्फ कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं, पलट-पलट के कुर्सी पर बैठ रहे हैं। अब बिहार में सरकार का कोई इकबाल नहीं है अधिकारी खा रहे हैं, लूट रहे हैं। अधिकारियों की मनमानी चल रही है। सीएम नीतीश अब जनता किस दशा में है वो देखना ही नहीं चाहते हैं। शराबबंदी के नाम पर जहरीली शराब से कितनी मौत हो रही है सीएम नीतीश इसे भी देखना नहीं चाहते हैं। 


जमीन सर्वे बड़ा फसाद

यहीं नहीं प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश के जमीन सर्वे पर भी सवाल खड़ा किया है। पीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने लैंड सर्वे के नाम पर नया विवाद खड़ा कर दिया है। सीएम ने बिना सोचे समझे इस योजना की शुरुआत कर दी। इस योजना से कई परिवार में विवाद, झगड़े और मनमुटाव हो रहा है। बिहार में लैंड सर्वे से भूमि विवाद सुधार में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। उलटा भूमि विवाद और बढ़ ही रहा है। जनसुराज भूमि सुधार के पक्ष में है लेकिन नीतीश कुमार के लैंड सर्वे के पक्ष में नहीं है। सर्वे कराने के लिए लोगों को छुट्टी लेकर बिहार आना पड़ रहा है उनके काम पर असर पड़ रहा है। सर्वे में कहा जा रहा है कि आपके पास जमीन है तो अपनी तीन पीढ़ियों की वंशावली बनाकर लाएं, वंशावली में सबके हस्ताक्षर जरूरी हैं। या तो बेटी हस्ताक्षर करे या अपना दावा छोड़े। इससे हर घर में मनमुटाव, लड़ाई–झगड़ा शुरू हो जाएगा। कागज निकालने के लिए सरकारी दफ्तरों में घूस देनी पड़ रही है। वंशावली बनाने के लिए पूरे परिवार को जुटाना पड़ा है। पीके ने कहा कि बिहार में जमीन सर्वे एक बड़े फसाद का जड़ बन रहा है। 

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