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Bihar Essembly Election 2025 Date: बिहार में विधानसभा का चुनाव कब होगा ? कब खत्म हो रहा विधानसभा का कार्यकाल..जानिए विस्तार से

Bihar Essembly Election 2025 Date: बिहार विधानसभा चुनाव कब होना है ये सवाल अब बिहार की राजनीति में उठने लगा है। आइए जानते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव के होने की संभावनाएं कब है...

  Bihar Assembly Election
Bihar Assembly Election 2025- फोटो : social media

Bihar Essembly Election 2025 Date: बिहार की राजनीति हमेशा से ही अपने अनोखे मिजाज के लिए जानी जाती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होकर महागठबंधन का हिस्सा बनते हैं, तो कभी दोबारा घरवापसी कर लेते हैं। एक बार फिर सीएम नीतीश के महागठबंधन में जाने की चर्चाएं तेज हो गई है। सीएम नीतीश पलटी मारेंगे कि नहीं इस सवाल को लेकर कई राजनीतिक जानकार अपना अपना अनुमान लगा रहे हैं। हालांकि सीएम नीतीश और नेता प्रतिपक्ष की बयानों को देखें तो फिलहाल बिहार में कोई बड़ा राजनीतिक फेरबदल देखने को नहीं मिल सकता है। दरअसल, बीते दिन राजद सुप्रीमो लालू यादव ने एक बयान दिया जिससे बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया। 

बिहार में सियासी भूचाल और सिर पर विधानसभा चुनाव

दरअसल, लालू यादव ने साल के पहले ही दिन यानी 1 जनवरी को बड़ा बयान दिया था उन्होंने कहा था कि अगर सीएम नीतीश राजद में वापस आते हैं तो उनकी स्वागत होगी। राजद सुप्रीमो ने यह भी कहा कि वो सीएम नीतीश को माफ कर देंगे, माफ करना उनका फर्ज हैं। सीएम नीतीश के लिए दरवाजा खुला है वो आएं और साथ काम करें। लालू यादव के यह बयान तब आया जब बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में इस बयान ने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी। बता दें कि 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होना है ऐसे में बिहार विधान सभा चुनाव और लालू यादव का बयान प्रदेश की सियासत को गरमाने के लिए काफी था। आइए हम जानते हैं कि लालू यादव के बयान के मायने और बिहार में विधानसभा होने की संभावना कब है? 

बिहार में विधानसभा चुनाव कब होंगे?

पहले बात करते हैं कि बिहार में विधानसभा चुनाव कब हो सकता है। मालूम हो कि, बिहार की 17वीं विधानसभा का गठन नवंबर 2020 में हुआ था। संविधान के अनुसार, विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। इस हिसाब से वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 2025 में समाप्त होगा।इसका मतलब है कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले बिहार में चुनाव होंगे। हालांकि, चुनाव आयोग परिस्थितियों के आधार पर विधानसभा चुनाव पहले भी आयोजित करा सकता है।

चुनाव आयोग की भूमिका और संभावनाएं

बिहार विधानसभा की 243 सीटों वाली विधानसभा एक स्थायी निकाय नहीं है। इसे कार्यकाल समाप्त होने से पहले भंग किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो राज्य में चुनाव समय पूर्व कराए जा सकते हैं। संविधान के अनुसार, विधानसभा का कार्यकाल उस तारीख से शुरू होता है जो पहली बैठक के लिए निर्धारित होती है और पांच वर्षों तक चलता है। ऐसे में चुनाव आयोग के पास समय से पहले चुनाव कराने का भी अधिकार है।

राजनीतिक दलों की तैयारी

राजनीतिक दलों ने आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीतियां बनानी शुरू कर दी हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है। बिहार में समय पूर्व चुनाव की संभावना और बदलते राजनीतिक समीकरण यह साफ करते हैं कि आने वाले समय में सियासी हलचल और तेज होगी। जनता की नजरें अब नेताओं की रणनीतियों और चुनाव आयोग के फैसलों पर टिकी हैं।

लालू के बयान ने मचाया बवाल

अब बात करते हैं लालू यादव के बयान कि, लालू यादव ने साल के पहले दिन ही सीएम नीतीश को राजद में आने का ऑफर दे दिया। लेकिन लालू यादव के बयान से बिल्कुल अलग नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बयान दिया। तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि वो सीएम नीतीश को वापस नहीं लेने वाले। तेजस्वी ने कहा कि सीएम नीतीश के साथ वापस आना अपने पैरों पर कुल्हारी मारने जैसा है। सीएम नीतीश के लिए अब महागठबंधन के दरवाजे पूरी तरह बंद हैं। सीएम नीतीश के वापस आने का कोई सवाल नहीं है। तेजस्वी यादव के इस बयान से बिहार की सियासत गरमा गई। वहीं सीएम नीतीश के पलटने की चर्चा के बीच उनकी और तेजस्वी यादव की एक तस्वीर भी सामने आई, इस तस्वीर में सीएम नीतीश तेजस्वी की पीठ थपथपाते दिखें। तस्वीर बिहार के नए राज्यपार आरिफ मो. खान की शपथ ग्रहण समारोह की थी। इस तस्वीर ने भी सियासी पारा को बढ़ा। 

सीएम नीतीश ना ना करते कर देते हैं हां

बावजूद इसके फिलहाल नेता प्रतिपक्ष या खुद सीएम नीतीश भी महागठबंधन में जाने से साफ इनकार कर रहे हैं। सीएम नीतीश फिलहाल दूसरे चरण के प्रगति यात्रा पर हैं। बीते दिन इसके तहत वो गोपालगंज में थे। जहां उन्होंने एक बार फिर अपने बयान को दुहराया कि वो दो बार गलती कर चुके हैं अब वो गलती नहीं करेंगे। सीएम नीतीश ने कहा कि वो अब भाजपा में ही रहेंगे और एनडीए सरकार बिहार में विकास का कार्य कर रही है। सीएम नीतीश ने साफ किया है कि वो अब महागठबंधन के साथ नहीं जाएंगे। लेकिन अक्सर सीएम नीतीश अपने बयान से अलग ही काम करते हैं। सीएम नीतीश इसके पहले भी जब राजद के साथ थे तब कहते थे कि वो मर जाएंगे लेकिन भाजपा में नहीं जाएंगे लेकिन 2024 में मकर संक्रांति के बाद बिहार की सियासत बदली और सीएम नीतीश महागठबंधन को छोड़कर एनडीए के साथ हो गए और रिकॉर्ड 9वीं बार सीएम पद की शपथ ली। वहीं एक बार फिर मकर संक्रांति आने वाला है ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं फिर एक बार बिहार में बड़ा बदलाव ना देखने को मिल जाए। हालांकि सीएम नीतीश कब क्या करें ये तो खुद सीएम ही जानते हैं। फिलहाल सभी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारियों में जुट गई है।

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