Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वे का कार्य जारी है. रैयतों को सर्वेक्षण के दौरान कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार भी सरकारी जमीन को लेकर चिंतित है. सरकार को डर है कि ब्योरा नहीं होने की वजह से रैयत सरकारी भूमि का खतियान अपने नाम पर करा सकते हैं. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिलों के समाहर्ता( DM) को पत्र लिखा है.
सरकारी भूमि बचाने की कवायद
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने 16 अक्टूबर को सभी जिलों के समाहर्ता को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि बिहार में संचालित विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त प्रक्रिया के तहत सरकारी भूमि की सूची उपलब्ध कराने के लिए नोडल पदाधिकारी नामित करें. सभी विभागों में नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति करें. अपर मुख्य सचिव ने समाहर्ता को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि इसके पहले भी भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की तरफ से 24 सितंबर को पत्र भेजा गया था. जिसमें सरकारी भूमि का ब्योरा बंदोबस्त कार्यालय को देने का निर्देश था.
नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति करें
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा है कि सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम के तहत तैयार होने वाले खतियान के निर्माण की प्रक्रिया में विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर रैयतों द्वारा सरकारी भूमि पर स्वामित्व का दावा किया जाता है. सरकारी विभागों की भूमि की विवरणी नहीं रहने की स्थिति में खतियान का रैयतों के नाम पर निर्धारित होने की प्रबल संभावना है. ऐसे में पूर्व में जो निर्देश दिए गए थे उसी अनुरूप सरकारी भूमि की सूची तैयार कर जिला बंदोबस्त कार्यालय या संबंधित शिविर प्रभारी को उपलब्ध कराने के लिए नो़डल पदाधिकारी नियुक्त करें. सभी डीएम अपने जिला के अंतर्गत सभी विभागों में नोडल पदाधिकारी को नामित करें, ताकि सरकारी भूमि को बचाकर सरकारी हित को बरकरार रखा जाए.