Bihar Land Survey: बिहार के सरकारी अमीनों के कार्यों की जांच होगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अमीनों के काम से खुश नहीं है. लिहाजा यह निर्णय लिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने आज शुक्रवार को राजस्व संबंधी विषयों की समीक्षा की. बैठक में विभाग के सचिव जय सिंह समेत सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में पाया गया कि ई-मापी का डिस्पोजल रेट बढ़ा है लेकिन उसे और बढ़ाने की जरूरत है. बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी अमीनों द्वारा किए जा रहे कामों की जांच की जाएगी. वो तय मापदंडों एवं विभागीय दिशा निदेशों के अनुरूप काम कर रहे हैं या नहीं ? अमीनों द्वारा की जा रही मापी की संख्या से भी विभाग खुश नहीं है , विभाग चाहता है कि इसमें और वृद्धि हो.
अमीन हर महीने कितनी नापी करते हैं,विभाग ले रहा जानकारी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा रिजेक्ट किए गए आवेदनों में से सैंपल लेकर चेक करने की आवश्यकता है कि रिजेक्शन का आधार सही है या नहीं.ऑनलाइन आए रहे आवेदनों में बड़ी संख्या में आवेदन अंचल स्तर पर अस्वीकृत किए जा रहे हैं। अबतक प्राप्त आवेदनों में से एक चौथाइ आवेदनों के अस्वीकृत होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। बैठक में यह निदेश भी दिया गया कि जिलावार अमीनों के कार्यों का आउटपुट निकाला जाए ताकि यह पता चल सके कि एक अमीन द्वारा एक महीने में औसतन कितनी मापी की जा रही है। विभाग के आईटी सेक्शन को कहा गया कि ई-मापी पोर्टल पर यह सूचना डाले कि रैयत मापी में अपना मोबाइल नंबर डालें, साइबर कैफे का नहीं ताकि सही सूचना और जानकारी उनतक पहुंच सके. ऐसा नहीं होने पर ढेर सारी जरूरी सूचनाएं उन तक नहीं पहुंच पा रही हैं.
भागलपुर जिले में ऑवलाईन मापी के सबसे ज्यादा आवेदन लंबित
समीक्षा में पाया गया कि अबतक ई-मापी के कुल 86500 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 40 हजार से अधिक आवेदकों ने ऑनलाइन तरीके से सरकार के खाते में भुगतान किया.जिन लोगों ने ऑनलाइन तरीके से भुगतान किया है उनमें से 38 हजार से अधिक आवेदकों को मापी की तारीख ऑनलाइन मिल चुकी है.जिन रैयतों ने ऑनलाइन तरीके से मापी कराई है उनमें से 22274 मापी प्रतिवेदन को आवेदक के पास ऑनलाइन तरीके से भेज दिया गया है, अन्य को भी भेजा जा रहा है.कई आवेदन अंचल अधिकारी के स्तर पर अनुमोदन पर लंबित हैं जिन्हें शीघ्र भेजने का निदेश आज की बैठक में दिया गया है। जिन जिलों में मापी हेतु आवेदन सर्वाधिक संख्या में आए हैं उनके नाम हैं भागलपुर- 5084, पूर्णिया- 5080 और मुजफ्फरपुर- 5008, जबकि वो जिले जिनमें ऑनलाइन आवेदनों की संख्या कम है, उनके नाम हैं अरवल- 563, शेखपुरा- 668 एवं जहानाबाद- 732.