Bihar News : बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट एक वर्ष पूर्व ही 2024 के अंतिम महीने से ही मिलने लगी है. दिसम्बर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा के बहाने जनता का मन टटोलने यात्रा पर निकल रहे हैं. जन संवाद के माध्यम से उनके मन मिजाज को भी भांपेंगे. साथ ही राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्षों में शुरू की गई योजनाओं का सामाजिक असर और उसके राजनीतिक लाभ का आकलन भी सीएम अपनी इस यात्रा में करेंगे.
भाजपा को बड़ा भरोसा : नीतीश कुमार को बिहार में वर्ष 2005 से लगातार मिलती सफलता के पीछे महिला मतदाताओं का बड़ा समर्थन माना जाता है. वहीं नीतीश भी महिला आरक्षण, साइकिल योजना, जीविका दीदी, आशा दीदी, बालिका शिक्षा के बाद प्रोत्साहन राशि, शराबबंदी जैसी कई योजनाओं को शुरू किया जिससे लाखों महिलाओं को लाभ मिला. वहीं सियासी हलकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस यात्रा को लेकर बिहार के हर दल की महिला विधायकों की भी नजर है. नीतीश की यात्रा पर बीजेपी MLC निवेदिता सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह यात्रा बहुत लाभदायक होगी. NDA के हित में होगी. नीतीश कुमार ने महिलाओं को सशक्त बनाया है. उनके लिए बहुत सारी योजनाओं की शुरुआत की जिससे महिलाएं आत्म निर्भर बन रही हैं.
जदयू की बढ़ी उम्मीद : जेडीयू MLC रीना यादव ने कहा कि बिहार में महिलाओं को अगर किसी ने निर्भीक बनाया है तो वह नीतीश कुमार ही हैं. मुख्यमंत्री ने महिलाओं को आगे बढ़ाया है. नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा काम किया है. महिलाओं को पंचायत में 50% आरक्षण दिया. सरकारी रोजगार में 35% का रोजगार दिया. पुलिस बहाली में आरक्षण देने का काम किया. शिक्षा में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया है, जिस तरह से सरकार ने महिलाओं के लिए काम किया है बिहार में किसी ने नहीं किया है. जीविका के माध्यम से उन्हें आगे बढ़ने का अवसर दिया. लड़कियों के लिए कन्या उत्थान जैसी योजनाओं का लाभ दिया. इलेक्शन के समय में जदयू को इसलिए बड़े स्तर पर महिलाओं का मिलता है. अब महिला संवाद कार्यक्रम से उन्हें और ज्यादा जागरूक करने का काम होगा.
राजद के हमला : हालाँकि राजद की महिला नेता नीतीश की यात्रा पर तीखे सवाल करती है. राजद नेता ऋतु जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर महिलाओं के बीच जा रहे हैं तो उन विधवाओं और मां से जरूर मिलना चाहिए जिनके घर अल्कोहल बंद होने के बावजूद भी जहरीली शराब से पति और बेटों की मौत हो गई. उन महिलाओं की आंखों में आंखें डाल करके यह सवाल उनसे पूछना चाहिए कि तुम्हारा घर कैसे चलता है. तुम्हारा परिवार कैसे चलता है. मैंने तो शराबबंदी कर रखी थी फिर भी जहरीली शराब कैसे आई? ऋतु जायसवाल ने कहा कि सीएम साहब को उन महिलाओं से जरूर संवाद करना चाहिए जिनके पति और बेटे दो वक्त की मजदूरी पाने के लिए दूसरे राज्य में हैं. दो वक्त की रोटी के लिए नीतीश बिहार से पलायन को रोक नहीं सके. नीतीश को बताना चाहिए कि बच्चियों को बलात्कार का शिकार होने से वे नहीं रोक पाए. अपराधियों की गोलियों के शिकार हुए निर्दोष लोगों की विधवा से नीतीश को संवाद करना चाहिए. जायसवाल ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सीएम को संवाद करना चाहिए कि मैं निकम्मा हूं.
गेम चेंजर यात्रा : नीतीश की यात्रा पर राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार ने कहा कि महिला संवाद यात्रा के माध्यम से मुख्यमंत्री महिलाओं के बीच में अपने किए गए कार्यों को रखने की कोशिश करेंगे. यह सीएम नीतीश की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है. एक ओर इसमें वे आधी आबादी को उनके सशक्ति का अहसास दिलाएंगे. साथ उनके मन में नीतीश को लेकर क्या चल रहा है इसका भी आकलन करेंगे. वहीं अगले वर्ष के विधानसभा चुनाव के पहले कई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के मापदंड भी इससे सामने आएंगे. वहीं महिलाओं के मन में अगर कोई नाराजगी है, या महिलाएं कोई बड़ा बदलाव चाहती हैं तो उसे भी अगले कुछ महीनों में युद्धस्तर पर जारी कर नीतीश बड़ा बदलाव अपने पक्ष में कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार में 48% महिलाएं वोट बैंक के तौर पर मानी जाती हैं. महिलाएं पिछले कई चुनावों में नीतीश कुमार के साथ खड़ी रही हैं. उन्होंने कहा कि जैसे लक्ष्मी योजना ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के पक्ष में, भैया योजना झारखंड में और लड़की बहन योजना महाराष्ट्र में गेम चेंजर साबित हुई, वैसे ही नीतीश कुमार द्वारा लिए गये महिला समर्थित कल्याणकारी निर्णय एक बड़े गेम चेंजर के रूप में देखे जा सकते हैं.
वंदना की रिपोर्ट