Bihar Teachers News : शिक्षक वह आर्किटेक्ट माने जाते हैं जो निर्माण भी करते हैं और अगर किसी को सबक सिखाना हो तो विध्वंस का सबक भी दे देते हैं. बिहार के तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव एक शिक्षक ने यही कर दिखाया था. बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहने के दौरान केके पाठक ने जिस शिक्षक को बर्खास्त किया था वही अब चुनाव में एमएलसी बनने की राह पर हैं.
शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी ने तिरहुत स्नातक उपचुनाव में कमाल कर दिया है. प्रथम वरीयता के मतों की गिनती में उन्होंने सभी प्रतिद्वंद्वी को पीछे छोड़ते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 23003 वोट हासिल किया है. वहीं दूसरे नम्बर पर जन सुराज के डॉ विनायक गौतम हैं जिन्हें 12467 वोट आए हैं. ऐसे में वे अपने निकटतम प्रत्याशी से 10536 से आगे हैं.
हैरानी की बात है कि बिहार के दोनों प्रमुख सियासी दलों राजद और जदयू के प्रत्याशी वोटरों द्वार नकार दिए गये हैं. राजद के गोपी किशन को 11600 वोट मिले हैं. जदयू के अभिषेक झा को 10316 वोट मिले हैं. राकेश रौशन 3920, संजय झा 4932, अरविंद कुमार विभात 299, अरुण कुमार जैन को 81 वोट, ऋषि कुमार अग्रवाल 99, एहतेशामुल हसन रहमानी 511, प्रणय कुमार 166, भूषण महतो 42, मनोज कुमार वत्स 422, राजेश कुमार रौशन , रिंकु कुमारी 487, संजना भारती 98, संजीव भूषण 331 -संजीव कुमार 113 वोट हासिल किए हैं.
केके पाठक को दिया झटका !
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहने के दौरान केके पाठक के कई निर्णयों के खिलाफ शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी आवाज बुलंद की थी. स्थिति ऐसी हो गई कि केके पाठक से विवादों की बीच बंशीधर ब्रजवासी को जुलाई 2024 में बर्खास्त करना पड़ा. हालाँकि उसके बाद भी वे शिक्षकों के लिए लगातार संघर्ष करते रहे.बंशीधर ब्रजवासी मुजफ्फरपुर के मरवन प्रखंड के उ. मध्य वि. रक्सा पूर्वी में प्रखंड शिक्षक थे. उन्होंने 2005 में ज्वाइन किया था. बंशीधर ब्रजवासी ने MA और B Ed की पढ़ाई की है. बंशीधर ब्रजवासी के पिता स्व नंदकिशोर सहनी भी शिक्षक थे.
आरामफरोश नेता को सबक
तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के रिजल्ट की घोषणा द्वितीय वरीयता के वोटों की गिनती की बाद होनी की संभवना है. वहीं बंशीधर ब्रजवासी ने प्रथम वरीयता के वोटों में लीड लेने के बाद अपनी जीत को लेकर आश्वस्त होते हुए कहा कि अभी द्वितीय वरीयता के वोटों की गिनती के बाद रिजल्ट फाइनल होगा. उन्होंने जदयू के पूर्व एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले यहां आरामफरोश नेता जीतते थे, लेकिन इस बार तिरहुत की जनता ने एक युवा संघर्षशील को मौका दिया है.
मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट