Bihar Politics: बिहार के सियासी गलियारे में इन दिनों एक सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है। यह सवाल भी कोई छोटा सवाल नहीं है। सवाल इतना बड़ा है कि बिहार के सियासत में भूचाल ला सकता है। दरअसल, सवाल यह है कि क्या 2025 में सीएम नीतीश की कुर्सी छीन जाएगी? सीएम नीतीश के नेतृत्व में एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी? बीजेपी सीएम नीतीश से मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन लेगी? ये सभी सवाल तब से खड़ा हो रहे हैं जब से महाराष्ट्र सरकार का गठन हुआ है।
बिहार में भी होगा बदलाव?
मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी को मिले भारी बहुमत के बाद देवेंद्र फडणवीस की सीएम पद पर ताजपोशी हुई। एकनाथ शिंदे जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे वो अब वहां के डिप्टी सीएम हैं। बता दें कि, बिहार और महाराष्ट्र में एक ही मॉडल चल रहा था। महाराष्ट्र में कम विधायकों के बाद भी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने हुए थे। लेकिन 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला। बीजेपी ने महाराष्ट्र का सीएम देवेंद्र फडणवीस को बनाया। वहीं एकनाथ शिंदे और अजीत पवार डिप्टी सीएम बनाए गए। महाराष्ट्र में बीजेपी पहले भी अधिक सीट जीतने के बावजूद सहयोग पार्टी को सीएम पद दिया था बिहार में भी बीजेपी के अधिक विधायक होने के बाद भी सीएम का पद नीतीश कुमार के पास हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम नीतीश के लिए 2025 में मुख्यमंत्री पद पर बने रहना मुश्किल हो सकता है।
अमित शाह की बातों ने बढ़ाया सस्पेंस
वहीं एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान जब गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया गया कि क्या बिहार में भी महाराष्ट्र के तर्ज पर विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। तो वो इस सवाल का सीधा जवाब देने से बचते नजर आएं। उनसे पूछा गया कि मुंबई में चुनाव परिणाम के बाद सीएम नहीं बन पाने से क्या एकनाथ शिंदे नाराज हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें नाराजगी कि कोई बात नहीं है... चुनाव प्रचार के दौरान ही कह दिया था मुख्यमंत्री बनाने का फैसला चुनाव बाद लिया जाएगा। इसलिए उनके साथ कोई धोखा नहीं हुआ है। जिसके बाद अमित शाह से सवाल किया गया कि मुंबई से पटना में क्या मैसेज जाएगा। इस सवाल को टालते हुए अमित शाह ने कहा कि एनडीए में आप भले दरार लाने की कोशिश कर लें लेकिन दरार पड़ने वाली नहीं है।
नीतीश कुमार की चली जाएगी कुर्सी ?
वहीं जब अमित शाह से पूछा गया कि क्या बीजेपी सीएम नीतीश के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 लड़ेगी तो उन्होंने इस सवाल से भी बचते हुए कहा कि, पार्टी के डिसिजन लेने के लिए या बताने के लिए ऐसे मंच नहीं होते है। मैं पार्टी का डिसिप्लिन कार्यकर्ता हूं। पार्टी पार्टिलियामेंट्री बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी और फैसला लिया जाएगा। उसी तरह यह मुद्दा जेडीयू में भी विचार किया जाएगा। दोनों पार्टयों के बीच बातचीत के बाद जो तय होगा उसे आपको बता दिया जाएगा। अमित शाह के बातों से साफ जाहिर नहीं होता है कि एनडीए सीएम नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी या नहीं। हालांकि ये भी तय है कि बिहार में सीएम नीतीश के बिना चुनाव लड़ना किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं है। मुंबई में हुए राजनीतिक बदलाव के बाद बिहार की सियासत में भी बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं ऐसे में अब बिहार में क्या होता है ये तो वक्त ही बताएगा।