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Bihar Politics: 'ऐसी भाषा मत बोलिए कि आने वाली पीढ़ी'... मंत्री अशोक चौधरी की बड़ी नसीहत, सीएम नीतीश के महिलाओं के कपड़े पर की गई टिप्पणी पर राजद को घेरा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पिछले दिनों महिलाओं के परिधान को लेकर की गई एक टिप्पणी के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन पर तल्ख बयान दिया था. मंत्री अशोक चौधरी ने राजद को उदंडों की पार्टी बताकर बड़ा हमला बोला.

Minister Ashok Choudhary
Minister Ashok Choudhary - फोटो : news4nation

Bihar Politics: भाषा का एक स्तर होना चाहिए. आज जो नेता विपक्ष में हैं वे कल सत्ता पक्ष में जाएंगे. इसलिए भाषा की मर्यादा को बनाकर रखना चाहिए. यह समझना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी नेताओं के बारे में क्या सोचेगी. बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को राजनीति में कुछ नेताओं के भाषा के गिरते स्तर पर यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि नेताओं के बीच कोई आपस की पारिवारिक लड़ाई नहीं होती है. इसलिए भाषा अच्छी होनी चाहिए. 


अशोक चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिलाओं के कपड़ों पर की गई एक टिप्पणी से जुड़े सवाल पर राजद को आड़े हाथों लिया. उन्होंने सीएम नीतीश के बयान को गलत सन्दर्भ में पेश करने का तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया. 


नीतीश ने बदला महिलाओं का जीवन 

उन्होंने कहा कि बेगूसराय में सीएम नीतीश ने जीविका दीदियों से बात करते हुए यह बताया था कि 2005 से पहले महिलाओं का जीवनस्तर कैसा था. वहीं जीविका दीदी बनने के बाद कैसे उनके जीवन स्तर बदलाव आया. आज वे महिलाएं जीविका दीदी के रूप में अच्छा पहन रही हैं. अच्छा बोल रही हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री से गांव की एक महिला जिस तरह से बोलती हैं वह उनके बदलाव को दिखाता है. उनके बोलने का टोन उनमें आए बदलाव को दिखाता था. महिलाएं राज्य के सीएम से बेहतरीन हिंदी में बोलती हैं. यह सब बदलाव 2005 के बाद आया. 


राजद  उदंडों की पार्टी

कई नेताओं द्वारा अमर्यादित भाषा का उपयोग करने पर अशोक चौधरी ने कहा कि भाषा की परिमार्जिता कहीं नहीं कर रही गई है.  उन्होंने लालू यादव की पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, राजद उदंडों की पार्टी है. वे लोग 2005 के पहले इस प्रदेश में किस तरह का भाव रखते थे. कोई महिला शाम में कहीं जाने में अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती थी. ये लोग लाठी पिलावन- लाठी घुमावन रैली कर करते थे. उनसे क्या उम्मीद करते हैं. जो लोग चरवाहा विद्यालय खोले वे इंजीनियर और मेडिकल कॉलेज खोलने वाले लोगों के विचार को क्या समझेंगे. 

रंजन की रिपोर्ट 

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