National News : बावन बुद्धि बाणिया, छप्पन बुद्धि जाट! जाट समुदाय को लेकर यह एक प्रसिद्ध कहावत है कि उन्हें 56 तरह की बुद्धि होती है. देश के मौजूदा सियासी हालात में जाट समुदाय फ़िलहाल इसी छप्पन बुद्धि से बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी करता दिख रहा है. उसमें जाट ने जैसे पहले ही किसान आंदोलन के समय केंद्र सरकार की खाट खड़ी कर दी थी, वैसे ही इस बार भी किसानों का मुद्दा भाजपा के लिए गले की फ़ांस बन गया है. इस बार तो उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सवाल से बीजेपी में बवाल जैसे हालात हैं. वहीं पहले ही एक अन्य जाट नेता और भाजपा ने जिन्हें राज्यपाल तक बनाया वे सत्यपाल मलिक भाजपा का जोरदार विरोध कर चुके हैं.
तो क्या जाट खड़ी करेगा खाट. यह सवाल भाजपा के नेताओं के बीच भी इन दिनों जरुर चर्चा में हैं. आंदोलनरत किसानों के लिए मोदी सरकार के कृषि मंत्री को लपेटते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि किसान संकट में हैं और आंदोलन कर रहे हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि किसानों से वार्ता क्यों नहीं हो रही है. यह स्थिति देश के समग्र कल्याण के लिए अच्छी नहीं है. क्या किसानों से कोई वादा किया गया था, और वह वादा क्यों नहीं निभाया गया? हम वादा पूरा करने के लिए क्या कर रहे हैं?
जगदीप धनखड़ के ये सवाल ऐसे समय में आए हैं जब कई भाजपा नेताओं ने किसानों के आंदोलन और विरोध प्रदर्शन पर तंज कसा था. उनके आंदोलन को राजनीती से प्रेरित बताया था. वहीं अब जगदीप धनखड़ ने कृषि मंत्री को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. धनखड़ ने कहा कि कृषि मंत्री जी, मुझे तकलीफ हो रही है. मेरी चिंता यह है कि अब तक किसानों की समस्या के हल के लिए पहल क्यों नहीं हुई. आप कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री हैं.
जाट नेताओं का किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार और भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा करने का पुराना इतिहास रहा है. इसका बड़ा नुकसान भी पंजाब विधानसभा और आम चुनावों के दौरान जाट बहुल इलाकों में भाजपा और एनडीए को हुआ था. इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और जाट नेता सत्यपाल मलिक किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार पर कई प्रकार के गंभीर आरोप लगा चुके हैं. ऐसे में अब जगदीप धनखड़ का भी उसी तर्ज पर किसानों के मुद्दे पर भाजपा को घेरना बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला सबब है.