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POLITICAL NEWS - तेजस्वी ने किया सैलरी घोटाला! दिहाड़ी मजदूर से भी कम बताया अपना मासिक वेतन, जदयू के नीरज का बड़ा खुलासा

POLITICAL NEWS - जदयू ने तेजस्वी यादव पर इनकम घोटाला करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष होने के बाद भी उन्होंने अपनी इनकम के बारे में गलत हलफनामा दिया है। साथ ही अपनी कमाई को स्रोत भी गलत बताया है।

POLITICAL NEWS - तेजस्वी ने किया सैलरी घोटाला! दिहाड़ी मजदूर से भी कम बताया अपना मासिक वेतन, जदयू के नीरज का बड़ा खुलासा
तेजस्वी पर सैलरी घोटाले के आरोप- फोटो : जदयू, नीरज कुमार

PATNA : जदयू प्रवक्ता व एमएलसी नीरज कुमार ने एक बार फिर से तेजस्वी यादव पर उनकी आमदनी को लेकर बड़ा हमला किया है। जदयू नेता ने कहा कि बिहार में अब तक चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, बालू-ईंटा घोटाला की चर्चा होती थी, अब नया घोटाला हुआ है इनकम घोटाला। यह घोटाला कर रहा है प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव। इसके दस्तावेज है और दस्तावेज झूठ नहीं बोलता है। 

उन्होंने कहा कि दस्तावेज तेजस्वी यादव के वेतन से संबंधित है। जब यह कुछ नहीं रहते तो उनका आय बढ़ जाता है और जब यह डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष रहते हैं तो इनका आय घट जाता है। उन्होंने आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया का उदाहरण देते हुए कहा कि जितना तेजस्वी की आमदनी नहीं है, उससे ज्यादा वह लोन बांट देते हैं और लोन किसे देते हैं इसका जिक्र नहीं करते हैं। 

जब 2014 -15 में तेजस्वी यादव विधायक नहीं थे तो इनकी सालाना आय 5 लाख18 हजार19 और जैसे ही विधायक बने उनका सालाना आय 1लाख 41 हजार 750 हो गया।

इस दौरान एक विधायक के तौर पर तेजस्वी यादव के वेतन का जिक्र करते हुए बताया कि हलफनामे उन्होंने अपना वेतन सिर्फ 11812.5 रुपए महीना बताया है। जबकि एक विधायक का वेतन कितना होता है, यह हमें भी पता है, जबकि नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होता है। ऐसे में उनका वेतन इतना कम कैसे हो सकता है। यह मूल वेतन है। तेजस्वी को अपने वेतन के बारे में सच बताना चाहिए

2015 की चुनावी घोषणा पत्र में इन्होंने लिखा कि एक करोड़ 13 लाख का व्यक्तिगत लोन कैसे दिया। यह तेजस्वी को बताना चाहिए, जब इनकी सालाना आय सिर्फ 5 लाख थी।

फिर सत्ता में आए तो कर्जा देने का धंधा बढ़ गया, 2020 में उन्होंने चार करोड़ 20 लाख 50 हजार लोन बांटा। जबकि आमदनी 89 लाख 75 हजार 360 रुपए था। यह मार्जिन मनी का बड़ा अंतर है। 

चार महीने के लिए उप मुख्यमंत्री कार्यालय में रहे। जब उनकी आय 39 लाख रही। यह उनकी विधायक बनने से पहले लगभग आठ गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव कौन सा व्यापार करते हैं जिससे कि 1 वर्ष में उनकी आय 8 गुना हो जाती है। यही कारण है कि हमलोगों ने उनकी पार्टी से गठबंधन तोड़ दिया।





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