सोनाचूर चावल को मिलेगा जीआई टैग!, इस जिले के डीएम ने की अनुशंसा, किसानों को होगा फायदा

Patna - बिहार में फेमस सोनाचूर चावल को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए उसे जीआई टैग दिलाने की तैयारी है। रोहतास जिला प्रशासन ने इसे भौगोलिक सूचकांक (जीआई टैग) दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिले की डीएम उदिता सिंह ने जीआई टैग के लिए चेन्नई स्थित भौगोलिक सूचकांक कार्यालय को अनुशंसा भेज दी है। डीएम ने कहा कि जीआई टैग मिलने से रोहतास के सोनाचुर धान की पहचान दुनियाभर में बनेगी। इससे क्षेत्र के किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। साथ ही जिले के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में नई पहचान मिलेगी।
वहीं सोनाचूर चावल के जीआई टैग का दर्जा दिलाने के लिए जिलास्तर पर भी काम शुरू हो गया है। इस पहल को मजबूती देने के लिए उप विकास आयुक्त विजय कुमार पाण्डेय ने 'रोहतास सोनाचुर धान उत्पादक संघ' का गठन किया है। इस संघ का सोसाइटी पंजीकरण भी हो चुका है।
इसके अलावा जीआई टैग के लिए कई संस्थाएं मिलकर काम कर रही हैं। इनमें बिक्रमगंज की वनस्पति अनुसंधान इकाई, बिहार कृषि विश्वविद्यालय भागलपुर, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण और जिला प्रशासन शामिल हैं। स्थानीय किसान भी इस प्रयास में जुटे हैं।
क्या है जीआई टैग
जीआई टैग एक विशेष पहचान है, जो किसी क्षेत्र के खास उत्पाद को दी जाती है। यह टैग पेरिस कन्वेंशन और बौद्धिक संपदा अधिकारों के तहत मान्यता प्राप्त है। इससे उत्पाद की अंतरराष्ट्रीय बाजार में विशेष पहचान बनती है।