Bihar News: उद्घाटन से पहले खिड़की उखाड़ ले गए चोर, करोड़ों रुपए की लागत से बना तीन मंजिला मॉडल विद्यालय भवन हुआ खंडहर

Bihar News: खेल मैदान परिसर में करोड़ों रुपये की लागत से बना तीन मंजिला मॉडल विद्यालय भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। भवन का निर्माण वर्षों पहले पूरा हो चुका है, लेकिन आज तक इसे विद्यालय प्रशासन को हैंडओवर नहीं किया गया है। उसके पहले ही...

चोरी
खिड़की उखाड़ कर ले गए चोर - फोटो : social media

Bihar News:  बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार के द्वारा एक के बाद एक कई फरमान जारी किया जा रहा है। इसके बावजूद शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। आए दिन स्कूलों के बदहाली या स्कूलों में शिक्षकों की कमी की खबर सामने आती रहती है। ताजा मामला सुपौल का है। जहां स्कलू भवन हैंडओवर होने से पहले ही चोर खिड़की उखाड़ कर ले गए। 

उद्घाटन से पहले ही भवन का हाल बेहाल

दरअसल, पूरा मामला जिले के सिमराही नगर पंचायत अंतर्गत लखीचंद साहू उच्च विद्यालय का है। जहां खेल मैदान परिसर में करोड़ों रुपये की लागत से बना तीन मंजिला मॉडल विद्यालय भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। भवन का निर्माण वर्षों पहले पूरा हो चुका है, लेकिन आज तक इसे विद्यालय प्रशासन को हैंडओवर नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि उद्घाटन से पूर्व ही यह भवन असामाजिक तत्वों का सुरक्षित अड्डा बन गया है।

स्कूल में नशेड़ियों का जमावड़ा

स्थानीय लोगों के मुताबिक, रात्रि होते ही भवन परिसर में नशाखोरी चरम पर पहुंच जाती है। शराबियों और नशेड़ियों का जमावड़ा आम बात हो गई है। कई बार इन्हें हथियारों के साथ भी देखा गया है, लेकिन भयवश कोई विरोध करने का साहस नहीं जुटा पाता। भवन के कमरों में जगह-जगह खाली कफ सिरप की बोतलें, प्रतिबंधित इंजेक्शन, स्मैक जैसी मादक पदार्थों के अवशेष और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। चोरों ने भवन की खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले हैं और कई खिड़कियां उखाड़कर ले जा चुके हैं। पूरे भवन में अब भय और अव्यवस्था का माहौल है।

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1958 में हुई थी विद्यालय की स्थापना 

लखीचंद साहू उच्च विद्यालय की स्थापना 1958 में हुई थी। वर्तमान में विद्यालय में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई होती है और 1100 से अधिक छात्र नामांकित हैं। विद्यालय में मात्र 6 शिक्षक पदस्थापित हैं, जो इतने बड़े छात्रसंख्या को संभालने में पहले से ही कठिनाई का सामना कर रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य अरुण कुमार का कहना है कि भवन के निर्माण कार्य को लेकर कई बार विभाग को पत्राचार किया गया है। पूर्व प्रधानाचार्य के समय से ही लगातार पत्र भेजे जा रहे हैं, लेकिन अब तक भवन का कार्य अधूरा पड़ा है और इसे विद्यालय को सुपुर्द नहीं किया गया है। भवन विद्यालय परिसर से अलग खेल मैदान में बनाया गया है, जिससे निगरानी भी कठिन हो गई है। स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि भवन का कार्य शीघ्र पूर्ण कर विद्यालय को सौंपा जाए और परिसर में सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था की जाए, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।

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