Bihar news - 2010 में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का शुरू हुआ काम 2025 में भी अधूरा, नतीजा पूरा शहर बारिश में हो गया जलमग्न, केंद्र में बड़े मंत्री हैं क्षेत्र के सांसद

Bihar news - हाजीपुर में पहली बारिश में सीवरेज की सफाई की पोल खुल गई। जिसके कारण पूरा शहर बारिश में जलमग्न हो गया। लोग जनप्रतिनिधियों को कोसते नजर आए।

Bihar news - 2010 में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का शुरू
बारिश से हाजीपुर शहर जलमग्न- फोटो : RISHAV KUMAR

Vaishali - वैशाली जिला के जिला मुख्यालय हाजीपुर शहर में हुई सुबह से बारिश के बाद पुरा शहर में पानी जमा हो गया है जिसे लोग काफी परेशान हैं।  बुधवार की सुबह से बारिश से शहर के सड़कों और मोहल्लों में जलजमाव के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के अस्पताल रोड, गांधी चौक ,सिनेमा रोड की सड़कें बारिश के बाद तालाब में तब्दील हो गयी। 

बारिश से पहले नगर परिषद द्वारा किए गए लाख दावे ने बारिश ने नगर परिषद की पोल खोलकर रख दी है। गांधी चौक, अस्पताल रोड सहित कई सड़कों और मोहल्लों में बारिश का पानी जम जाने से लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। गांधी चौक से अस्पताल रोड के बीच घुटने भर जमा पानी के कारण वाहनों के साथ-साथ आम लोगों को पैदल आने-जाने में भी परेशानी हो रही है। सदर अस्पताल के इमरेजेंसी वार्ड के सामने बारिश का पानी जमा होने के कारण अस्पताल में आने जाने वाले रोगियों उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

जर्जर सड़कों ने बढ़ायी समस्या

 सुभाष चौक से रामप्रसाद चौक के बीच तो बारिश के बाद इन सड़कों पर कीचड़ की वजह से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बाइक सवार जरा सी असावधानी होने पर हादसे का शिकार होकर चोटिल हो जा रहे हैं। शहर में बारिश की पानी से जलजमाव व कीचड़ के साथ कई सड़कें जर्जर से होने हाजीपुर शहर की बदहाल स्थिति पर लोगों में काफी आक्रोश दिख रहा है। 

खास कर अस्पताल रोड से थाना चौक व मड़इ रोड से रामप्रसाद चौक के बीच जलजमाव व कादो-कीचड़ से सनी सड़क पर लाेगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। हालांकि मानसून आने के पहले से ही शहर में नालों की सफाई की जा रही है। सड़क निर्माण कराया जा रहा है। मगर इसके बाद भी बारिश के बाद शहर की कई सड़कों पर जलजमाव व कादो-कीचड़ से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

15 साल पहले एसटीपी का हुआ शिलान्यास

हाजीपुर शहरी क्षेत्र से निकलने वाले गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये नहरों में बहाये जाने की योजना को 12 अप्रैल 2010 को स्वीकृति मिली थी। नेशनल गंगा बेसिन ऑथोरिटी ने इस प्रोजेक्ट के लिए 113 करोड़ 62 लाख रुपये का आवंटन दिया था। 

हालांकि बाद में इसका बजट बढ़कर लगभग सवा सौ करोड़ का हुआ और उसके बाद बढ़ता ही गया। नगर में सीवरेज निर्माण का काम 12 दिसंबर 2011 को शुरु हुआ। दो वर्षों में यानी दिसंबर 2013 तक इसे पूरा कर लेना था। चीन की कंपनी ट्राइटेक (बीजिंग) ने इस कार्य को अपने हाथ में लिया था। 

 बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की देखरेख में इस योजना पर काम शुरु हुआ। शुरुआत में तो काम की रफ्तार ठीक रही, लेकिन आगे चलकर इसमें ब्रेक लग गया। कार्य की धीमी गति के कारण कई बार योजना पूरी होने की समय सीमा बढ़ायी गयी। पहले मार्च 2015, फिर 2016 तक का समय निर्धारित किया गया। 

2017 में काम हो गया बंद

निर्माण एजेंसी को सरकार की ओर से कई बार चेतावनी मिलने के बाद भी कार्य की रफ्तार नहीं बढ़ी। वर्ष 2017 तक महज 55 किलोमीटर में पाइपलाइन बिछायी जा सकी। इसके अलावा शहर के औद्योगिक क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हुआ, लेकिन वह भी पूरा नहीं हो सका। प्रोजेक्ट का लगभग 60 प्रतिशत काम बाकी ही रह गया और 2017 के बाद इस पर काम ही बंद हो गया।

अब बुडको को जिम्मेदारी

 इसके कई साल बाद फिर नये सिरे से सीवरेज निर्माण की योजना बनी और इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी बुडको को दी गयी है। लेकिन अब निर्माण का काम कब पूरा होगा, इसको लेकर शहर के लोगों ने शंका जाहिर की है।

Report - rishav kumar