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बिहार में औद्योगिक क्रांति: 42,000 से ज्यादा उद्योगों को मिला परमिट, जानिए कैसे बदली विकास की सूरत

बिहार में औद्योगिक क्रांति: 42,000 से ज्यादा उद्योगों को मिला परमिट, जानिए कैसे बदली विकास की सूरत

बिहार में औद्योगिक विकास के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं, जो इस राज्य के आर्थिक विकास की दिशा में सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। 2015 से 2023 के बीच राज्य में कुल 42,301 इकाइयों को औद्योगिक परमिट दिए गए, जिससे बिहार देशभर में औद्योगिक परमिट जारी करने के मामले में सातवें स्थान पर पहुंच गया है। पूर्वी भारत के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार सबसे आगे है, जो यहां औद्योगिक विस्तार के बेहतर माहौल की पुष्टि करता है। 


कोरोना महामारी के बाद बिहार में उद्योगों की स्थापना में काफी तेजी आई है। वर्ष 2021, 2022 और 2023 में कुल 40% औद्योगिक परमिट जारी किए गए। इस दौरान क्रमशः 5473, 6703 और 4370 उद्योग प्रस्तावों को मंजूरी मिली। इससे यह स्पष्ट होता है कि महामारी के बाद बिहार में उद्योग लगाने की प्रक्रिया में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अगर पिछले नौ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे कम औद्योगिक परमिट 2019 में दिए गए थे, जब केवल 3212 इकाइयों को मंजूरी मिली थी। वहीं, 2020 में यह आंकड़ा बढ़कर 4555 हो गया। 2015 में 4063, 2016 में 4672, 2017 में 5327 और 2018 में 3805 इकाइयों को परमिट मिला था। यह दर्शाता है कि बिहार में औद्योगिक माहौल लगातार सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है।


पूर्वी भारत के अन्य राज्यों जैसे झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल की तुलना में बिहार में सबसे अधिक औद्योगिक परमिट दिए गए हैं। झारखंड में 35,950, उड़ीसा में 37,823 और पश्चिम बंगाल में 36,085 इकाइयों को परमिट मिला है। बिहार की यह उपलब्धि राज्य के औद्योगिक भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि बिहार में एक सकारात्मक औद्योगिक माहौल बना है, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को नई गति मिल रही है। राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों और परिवेश में सुधार के साथ, आने वाले वर्षों में और अधिक उद्योगों की स्थापना की उम्मीद की जा रही है, जो बिहार के समग्र विकास में सहायक सिद्ध होगा।

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