New Banking Rules: 1 अगस्त से बदल गया बैंकिंग का नियम, अब इतना इंटरेस्ट होगा जरूरी, डायरेक्टर की कुर्सी पर अब 10 साल तक जमे रहेंगे साहब
New Banking Rules: 1 अगस्त 2025 से देश के बैंकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव हो गया है।

New Banking Rules: 1 अगस्त 2025 से देश के बैंकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव हो गया है। वित्त मंत्रालय ने ऐलान किया है कि बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कई अहम प्रावधान इसी दिन से लागू हो गए है। इसका असर सीधे तौर पर बैंक ग्राहकों, निवेशकों और खुद बैंकों के संचालन पर पड़ेगा।
सबसे बड़ा बदलाव सहकारी बैंकों में डायरेक्टर बनने की शर्तों में आया है। पहले किसी व्यक्ति को डायरेक्टर बनने के लिए बैंक में सिर्फ ₹5 लाख की रुचि (इंटरेस्ट) दिखानी होती थी। अब ये सीमा सीधा बढ़कर ₹2 करोड़ हो गई है। मतलब अब सिर्फ वही लोग डायरेक्टर बन पाएंगे जिनका बैंक में मोटा दांव होगा।
सिर्फ यही नहीं, अब सहकारी बैंकों के डायरेक्टर (लेकिन अध्यक्ष और फुलटाइम डायरेक्टर को छोड़कर) 10 साल तक पद पर बने रह सकेंगे, जबकि पहले यह सीमा 8 साल थी। ये बदलाव संविधान के 97वें संशोधन के हिसाब से किए गए हैं।
पीएसबी यानी पब्लिक सेक्टर बैंकों को भी अब दावा न किए गए शेयर और बांड की राशि इनवेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड (IEPF) में ट्रांसफर करने की इजाजत होगी। पहले ऐसा सिर्फ प्राइवेट कंपनियां करती थीं।
इसके अलावा, सरकारी बैंकों में ऑडिटिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम भी और सख्त किया जा रहा है। बैंकों को अब हर शुक्रवार की बजाय पखवाड़े, महीने या तिमाही के आखिरी दिन RBI को रिपोर्ट देनी होगी।
ये कानून पहली बार अगस्त 2024 में संसद में पेश हुआ था, लेकिन पास दिसंबर 2024 और मार्च 2025 में हुआ। अब जाकर इसे लागू किया जा रहा है।
वित्त मंत्रालय का दावा है कि इन कदमों से भारतीय बैंकिंग सिस्टम और मजबूत होगा, धोखाधड़ी कम होगी और ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ेगी। यानी अब बैंकिंग सिस्टम ‘पावरफुल’ और ज्यादा जवाबदेह बनने जा रहा है।