Anil Ambani Fraud Case: ED में अंबानी को भेजा समन! 17 हजार करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड मामले में करेगी पूछताछ

Anil Ambani Fraud Case:प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी को 17,000 करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है। जानिए इस हाई-प्रोफाइल मामले की पूरी जाँच, आरोप और सफाई।

Anil Ambani Fraud Case
मुसीबत में अनिल अंबानी!- फोटो : social media

Anil Ambani Fraud Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और एमडी अनिल अंबानी को एक बेहद हाई-प्रोफाइल बैंक लोन फ्रॉड केस में समन जारी किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 अगस्त 2025 को उन्हें दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है।

यह मामला करीब ₹17,000 करोड़ की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसमें अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की कई कंपनियों पर फंड डायवर्जन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप हैं।

ईडी और SEBI की जांच

इस जांच की शुरुआत SEBI की उस रिपोर्ट से हुई जिसमें रिलायंस ग्रुप पर ₹10,000 करोड़ के फंड डायवर्जन का आरोप लगाया गया था। यह रिपोर्ट ईडी, सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को सौंपी गई थी।SEBI का कहना है कि ये फंड कर्ज के रूप में लिए गए थे, लेकिन उनका उपयोग अन्य कंपनियों और गैर-लाभकारी उद्देश्यों में किया गया। इसी आधार पर यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है, जिससे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कार्रवाई शुरू की गई।

यस बैंक से लोन और शेल कंपनियों के जरिए ट्रांजैक्शन

जांच में सामने आया है कि रिलायंस ग्रुप की कंपनियों ने यस बैंक से भारी-भरकम लोन बिना पर्याप्त गारंटी के लिए और फिर उन फंड्स को शेल कंपनियों के माध्यम से ट्रांसफर किया। इस तरह के लेनदेन अक्सर मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में देखे जाते हैं।इससे पहले, CBI ने इस मामले में दो प्राथमिकियाँ (FIRs) दर्ज की थीं, जिसके बाद ईडी ने इसमें मनी ट्रेल तलाशना शुरू किया।

देशभर में छापेमारी डिजिटल और वित्तीय सबूत जब्त

ईडी ने हाल ही में दिल्ली और मुंबई समेत 35 स्थानों पर छापेमारी की थी। इन छापों में वित्तीय दस्तावेज,डिजिटल रिकॉर्ड,बैंक स्टेटमेंट,इंटरनल ईमेल और ट्रांजैक्शन डिटेल्स जब्त किए गए हैं, जिनके आधार पर ईडी ने अब अनिल अंबानी को समन जारी किया है।

रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सफाई

रिलायंस ग्रुप की कंपनियों रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर — ने आरोपों के जवाब में कहा कि उनका रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबंध नहीं है।अनिल अंबानी इन कंपनियों के बोर्ड में शामिल नहीं हैं।उन्होंने इस मामले में सभी नियामकीय प्रक्रियाओं का पालन किया है।इसके बावजूद, SBI ने अनिल अंबानी और RCom को “फ्रॉड” घोषित किया है, जिससे इस मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।