Gold Price: अगस्त में क्या होने वाली है सोने की कीमत, किस वजह से देखने को मिल सकता है भारी उतार-चढ़ाव, जानें हर बात

Gold Price: अगस्त 2025 में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव क्यों होने वाला है? FOMC बैठक और अमेरिका-चीन ट्रेड डील के बीच गोल्ड मार्केट पर कैसा रहेगा असर, जानिए एक्सपर्ट्स की राय।

Gold Price
अगस्त में क्या होगी सोने की कीमत- फोटो : social media

Gold Price: सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति के आधार पर नहीं, बल्कि वैश्विक घटनाओं, नीतिगत फैसलों और आर्थिक अस्थिरताओं पर भी निर्भर करती हैं। जुलाई के अंतिम सप्ताह में न्यूयॉर्क कॉमेक्स (COMEX) पर अगस्त डिलीवरी वाला सोना 1.12% की गिरावट के साथ $3,335.60 प्रति औंस पर बंद हुआ, जो इस बात का संकेत है कि बाजार में अनिश्चितता बढ़ रही है।

इस गिरावट का एक बड़ा कारण था अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील को लेकर चल रही अनिश्चितता। 1 अगस्त की टैरिफ डेडलाइन नजदीक आने के कारण निवेशकों में बेचैनी बढ़ी है। अगर यह डील सफल नहीं होती, तो यह बाजार को झटका दे सकती है। वहीं, अगर समझौता हो जाता है और टैरिफ की समयसीमा आगे बढ़ाई जाती है, तो बाजार में स्थिरता आ सकती है जिससे सोने की मांग बढ़ सकती है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति और FOMC की बैठक

FOMC (Federal Open Market Committee) की बैठकें दुनिया भर के निवेशकों के लिए एक संकेत होती हैं कि अमेरिका की मौद्रिक नीति का रुख कैसा रहेगा। जुलाई-अगस्त 2025 की बैठक से पहले अनुमान लगाया जा रहा है कि फेडरल रिजर्व एक नरम नीति अपनाएगा, जिससे डॉलर कमजोर होगा और सोने की कीमत में तेजी आ सकती है।

NS रामास्वामी जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फेड ब्याज दरों में कटौती करता है या अपनी नीति में ढील देता है, तो सोने की कीमतों में पुनः उछाल आ सकता है। क्योंकि ऐसी स्थितियों में निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख करते हैं, और सोना उनके लिए सबसे प्रमुख विकल्प होता है।

अमेरिका-चीन ट्रेड वार्ता

स्टॉकहोम में अमेरिका और चीन के अधिकारियों के बीच शुरू हुई वार्ता का उद्देश्य है ट्रेड वॉर को खत्म करना और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देना। यदि दोनों देश टैरिफ डेडलाइन को आगे बढ़ाने पर सहमत हो जाते हैं, तो यह सोने के लिए सकारात्मक संकेत होगा। वहीं, अगर यह वार्ता विफल होती है, तो बाजार में तनाव बढ़ेगा और सोने की कीमत एक बार फिर तेजी से ऊपर जा सकती है।इतिहास गवाह है कि जब भी वैश्विक अनिश्चितता बढ़ती है , चाहे वो युद्ध हो, ट्रेड वॉर हो या आर्थिक मंदी  सोने की मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है।

अगस्त 2025 में सोने की कीमत का पूर्वानुमान

भविष्यवाणी करना कठिन है लेकिन कुछ संभावित परिदृश्य सामने आते हैं,जो इस प्रकार है।

टैरिफ डील में देरी: यह स्थिति निवेशकों में चिंता बढ़ा सकती है, जिससे सोने की कीमत स्थिर या हल्की बढ़त के साथ रह सकती है।

FOMC का नरम रुख: ब्याज दरों में कटौती की संभावना सोने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगी।

चीन का सेंट्रल बैंक हस्तक्षेप: अगर चीन फिर से सोने की खरीद शुरू करता है, तो यह दीर्घकालिक तेजी का कारण बन सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 के अंत तक यदि राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक सुधार नहीं हुए, तो सोने की कीमत में बड़ा उछाल देखा जा सकता है।