India-FTA Deal: भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड डील पर हुई सहमति! अब होगी चांदी, जानें क्या होंगे फायदें

India-FTA Deal: भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड डील पर सहमति हुई। जानें किस तरह यह समझौता भारतीय व्यापार, रोजगार, एक्सपोर्ट और निवेश के नए अवसर खोलेगा।

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भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड डील 2025- फोटो : SOCIAL MEDIA

India-FTA Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में 25 जुलाई 2025 को भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर आधिकारिक हस्ताक्षर हुए। यह समझौता भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के उनके समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स के बीच सम्पन्न हुआ। मामले पर पीयूष गोयल ने कहा कि  यह डील दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई देगी और रोजगार, निवेश तथा आर्थिक विकास को मजबूती प्रदान करेगी।”

क्या होगा भारत को फायदा? एक्सपोर्ट पर टैरिफ हटेगा

इस फ्री ट्रेड डील के अंतर्गत भारत के 99% एक्सपोर्ट पर से टैरिफ हटा दिया जाएगा। इसका अर्थ है कि अब भारतीय उत्पाद ब्रिटिश बाजार में कम कीमत पर और प्रतिस्पर्धात्मक रूप से उपलब्ध होंगे।

इस वजह से निम्नलिखित इंडस्ट्रीज को लाभ मिलेगा:

कपड़ा और वस्त्र (पहले 12% ड्यूटी थी)

ऑर्गेनिक केमिकल्स (पहले 8% ड्यूटी)

बेस मेटल्स (पहले 10% ड्यूटी)

लेदर और फुटवियर

खिलौने और ऑटो कंपोनेंट्स

सी फूड: झींगा, टूना

प्रोसेस्ड फूड और अचार

मेडिकल डिवाइसेस (अब जीरो टैरिफ)

भारत का नया लक्ष्य है 2030 तक 250 अरब डॉलर का इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट करना। इसके अलावा 100 अरब डॉलर तक का कृषि उत्पाद निर्यात करना।

कृषि क्षेत्र को मिलेगा नया बल

इस डील से भारत के किसानों और एग्री-बिज़नेस सेक्टर को भारी लाभ मिलने वाला है। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ड्यूटी-फ्री एक्सेस से अगले 3 साल में कृषि एक्सपोर्ट में 20% से अधिक की वृद्धि संभव है। इसकी वजह से निम्नलिखित कृषि उत्पादों को फायदा मिलेगा

कटहल, बाजरा, प्याज, मसाले

अंगूर, चाय, कॉफी

जैविक औषधीय जड़ी-बूटियाँ

अचार, प्रोसेस्ड फूड

झींगा, टूना मछली

किन उत्पादों को डील से रखा गया बाहर?

भारत ने डेयरी, सेब, ओट्स, कुकिंग ऑयल जैसे संवेदनशील उत्पादों को डील से बाहर रखा है, ताकि घरेलू किसानों और उद्योगों की रक्षा की जा सके।

रोजगार और निवेश: दोनों देशों को मिलेगा फायदा

इस डील से दोनों देशों में निवेश और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। भारत को खास तौर पर आईटी, इंजीनियरिंग और मेडिकल क्षेत्रों में ब्रिटिश निवेश की उम्मीद है। इसकी वजह से भारतीय पेशेवरों को 3 साल तक सोशल सिक्योरिटी पेमेंट से छूट मिलेगा। ब्रिटेन में वर्क वीजा प्रक्रियाएं सरल होंगी। UK-based कंपनियों को भारत में निवेश बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

56 अरब डॉलर से 100 अरब डॉलर तक

वर्तमान में भारत और ब्रिटेन के बीच $56 अरब डॉलर का व्यापार होता है। अब इस डील का लक्ष्य है 2030 तक इस आंकड़े को दोगुना कर $100 अरब डॉलर तक पहुंचाना। FTA के ज़रिए टैरिफ हटने से सामान सस्ते होंगे। लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चैन में तेजी आएगी। स्टार्टअप और MSME सेक्टर को भी मिलेगा वैश्विक बाज़ार।