Business news - एपल के सीओओ बने सबीह खान, सुंदर पिचाई और सत्या नडेला के बाद एक और भारतीय को मिली बड़ी कामयाबी, यूपी के इस जिले से है कनेक्शन
Business news - भारत वंशी सबीह खान को एपल का नया सीओओ बनाया गया है। उनका परिवार यूपी से जुड़ा है. वहीं सबीह लगभग 30 साल से एपल के साथ जुड़े हुए हैं।

N4N Desk - अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों के बड़े पद पर एक और भारतीय का कब्जा हो गया है। दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइनल निर्माता कंपनी एपल के नए चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के लिए भारतीय मूल के सबीह खान को मौका दिया गया है। वह इस महीने के अंत में यह जिम्मेदारी संभालेंगे। सबीह खान से पहले जेफ विलिएम्स 2015 से सीओओ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। सबीह 30 साल के एपल में काम कर रहे हैं।
इससे पहले वह एपल में 2019 में वो एपल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ ऑपरेशंस बने थे। सबीह खान एपल की ग्लोबल सप्लाई चेन को मैनेज करते हैं। इसका मतलब है कि वो प्रोडक्ट की क्वालिटी, प्लानिंग, खरीद, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और प्रोडक्ट डिलीवरी जैसे कामों की जिम्मेदारी संभालते हैं। वो एपल के सप्लायर रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम्स को भी लीड करते हैं।
एपल को बदलने में निभाई बड़ी भूमिका
सबीह की अगुआई में कंपनी का कार्बन फुटप्रिंट भी 60% से ज्यादा कम हुआ है। यानी एपल ने अपने प्रोडक्शन और ऑपरेशंस से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को काफी हद तक घटाया है।
ग्लोबल लीडर्स में शामिल
सबीह खान गूगल के CEO सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला जैसे भारतीय मूल के उन ग्लोबल लीडर्स की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। सबीह की तारीफ करते हुए एपल के सीईओ टीम कुक ने कहा कि "सबीह एक शानदार स्ट्रैटजिस्ट हैं, जिन्होंने एपल की सप्लाई चेन को बनाने में अहम रोल निभाया है। वो दिल से लीडरशिप करते हैं और अपने मूल्यों के साथ काम करते हैं। मुझे यकीन है कि वो एक बेहतरीन COO साबित होंगे।"
मुरादाबाद में सबीह का पैतृक घर
सबीह खान का जन्म 1966 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ था। जब वो पांचवीं कक्षा में थे, तब उनका परिवार सिंगापुर चला गया। वहां से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। बाद में अमेरिका चले गए। सबीह ने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने रेनसेलर पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट (RPI) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री भी ली।
सबीह खान 1995 में जीई प्लास्टिक्स में एप्लिकेशन डेवलपमेंट इंजीनियर के रूप में काम करने के बाद एपल की प्रोक्योरमेंट टीम में शामिल हुए थे। शुरुआत में वो कंपनी के प्रोक्योरमेंट ग्रुप में शामिल हुए। पिछले 30 सालों में उन्होंने एपल के कई अहम रोल निभाए और कंपनी की ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूत करने में बड़ा योगदान दिया। 2019 में वो एपल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ ऑपरेशंस बने।