Indian rupee Vs Dollar: भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले हुआ कमजोर, कच्चे तेल की कीमतों में आई उछाल ने रुपए की तोड़ी कमर, जानें नया रेट

ndian rupee Vs Dollar: भारतीय रुपया 16 जुलाई 2025 को डॉलर के मुकाबले 22 पैसे गिरकर 85.98 पर आ गया। जानिए इसके पीछे की वजहें, शेयर बाजार की स्थिति और आगे के संभावित प्रभाव।

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भारतीय रुपया कमजोर- फोटो : social media

Indian rupee Vs Dollar: भारतीय रुपये में 16 जुलाई 2025, बुधवार को  फिर से गिरावट देखने को मिली। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज में रुपया 22 पैसे कमजोर होकर 85.98 प्रति डॉलर पर आ गया।गिरावट के मुख्य कारण के तौर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी को माना जा रहा है। इसके अलावा भारत के आयात-निर्यात में गिरावट,डॉलर इंडेक्स की मजबूती और एशियाई मुद्राओं में कमजोरी को माना जा रहा है।

फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर्स के अनुसार, विदेशी पूंजी प्रवाह (Foreign Capital Flow) ने हालांकि रुपये को और बड़ी गिरावट से बचा लिया।अनिल कुमार भंसाली, फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के हेड ऑफ ट्रेजरी के अनुसार, "भले ही भारत का व्यापार घाटा अपेक्षा से कम रहा, लेकिन आयात और निर्यात दोनों में गिरावट के चलते अर्थव्यवस्था की गति धीमी हुई है।"

डॉलर इंडेक्स और ग्लोबल इकोनॉमी का असर

डॉलर इंडेक्स 98.60 पर मामूली 0.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ दर्ज किया गया। हालाँकि, यह अब भी मजबूत स्थिति में है।कच्चे तेल की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव जारी है। ब्रेंट क्रूड 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 68.86 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर कारोबार कर रहा है।यह स्थिति भारतीय मुद्रा और शेयर बाजार दोनों पर दबाव बना रही है।

भारतीय शेयर बाजार में भी गिरावट का माहौल

रुपये के कमजोर होने का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिला है। बीएसई सेंसेक्स 103.16 अंक टूटकर 82,467.75 पर पहुंच गया     और  एनएसई निफ्टी 50, 56.75 अंक गिरकर 25,139.05 पर पहुंच गया।हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने मंगलवार को 120.47 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो एक पॉजिटिव सिग्नल है।बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि कच्चे तेल की कीमतें और डॉलर इंडेक्स यूं ही मजबूत बने रहते हैं, तो रुपये पर और दबाव पड़ सकता है। वहीं, भारत का आयात-निर्यात आंकड़ा भी अहम भूमिका निभाएगा।