Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान लगभग 60 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो इसे न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बना रहा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस आयोजन से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापारिक लाभ होगा।
महाकुंभ 2025 के व्यापारिक अवसर
प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि पहले 2 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान था, लेकिन अब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते यह आंकड़ा 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इस महाकुंभ ने साबित किया है कि आस्था और अर्थव्यवस्था का गहरा संबंध है। यह भारत की सनातन अर्थव्यवस्था की ताकत का प्रतीक है, जो देश की मुख्य अर्थव्यवस्था में एक बड़ा योगदान देती है।
आर्थिक गतिविधियों का विस्तार
महाकुंभ के दौरान कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
आतिथि सत्कार और आवास सेवाएं
खाद्य एवं पेय पदार्थ की बिक्री
परिवहन और लॉजिस्टिक्स
धार्मिक वस्त्र और पूजा सामग्री
स्वास्थ्य सेवाएं और वेलनेस सेक्टर
मीडिया, विज्ञापन और मनोरंजन
टेलीकॉम, एआई तकनीक और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग
इन सभी क्षेत्रों में गतिविधियां तेज होने से लोगों को व्यापक रोजगार मिला है और स्थानीय व्यापार को भी नई ऊंचाइयां मिली हैं।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा
महाकुंभ के प्रभाव से सिर्फ प्रयागराज ही नहीं, बल्कि 150 किलोमीटर के दायरे में स्थित शहरों और गांवों में भी व्यापार को बढ़ावा मिला है। अयोध्या, वाराणसी और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, जिससे इन क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं।
महाकुंभ 2025 का ऐतिहासिक महत्व
प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा, बल्कि यह राष्ट्रीय और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक नया मील का पत्थर स्थापित करेगा। यह आयोजन आने वाले वर्षों के लिए एक नया आर्थिक मानदंड स्थापित करेगा, जो भारत के व्यापारिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।