अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर: भारत को मिला अप्रत्याशित फायदा, इलेक्ट्रॉनिक्स हो सकते हैं सस्ते!

Chinese Products online sale
Chinese Products online sale- फोटो : Social Media

जब दो हाथी लड़ते हैं, तो घास को कुचला जाना तय होता है—पर इस बार कहानी कुछ अलग है। अमेरिका और चीन के बीच गहराते ट्रेड वॉर की आंच से जहां वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ रही है, वहीं भारत के लिए यह संकट एक सुनहरा मौका बनकर सामने आया है। इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में इस समय एक दिलचस्प मोड़ आया है। अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाए जाने के चलते, कई चीनी इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स भारत की ओर रुख कर रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये चीनी कंपनियां अब भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं को अपने उत्पादों पर 5% तक की छूट दे रही हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में टैरिफ बढ़ने से चीनी प्रोडक्ट्स महंगे हो गए हैं, जिससे वहां इनकी डिमांड घटने लगी है। इस गिरती मांग ने चीनी मैन्युफैक्चरर्स की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में वे नए बाजारों की तलाश में भारत की ओर देख रहे हैं और डिमांड को बनाए रखने के लिए डिस्काउंट का सहारा ले रहे हैं।

भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरर्स इस छूट का फायदा उठाकर अपने प्रोडक्शन कॉस्ट को कम कर सकते हैं। और अगर कंपनियां इस छूट का कुछ हिस्सा उपभोक्ताओं तक पहुंचाती हैं, तो इससे स्मार्टफोन, टीवी, फ्रिज जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट आ सकती है।

यह एक ऐसा समय है जब भारतीय उपभोक्ताओं के लिए यह ट्रेड वॉर एक फायदे का सौदा बन सकता है।

यह घटना इस ओर इशारा करती है कि कैसे वैश्विक राजनीति और व्यापारिक नीतियां आम आदमी की जेब पर भी असर डाल सकती हैं। एक तरफ अमेरिका-चीन के बीच तकरार बढ़ रही है, दूसरी तरफ भारत इसका रणनीतिक फायदा उठाते हुए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को और सशक्त बना सकता है।

यह आने वाले महीनों में देखने वाली बात होगी। अगर सरकार और इंडस्ट्री साथ मिलकर इस मौके का फायदा उठाते हैं, तो यह भारत के लिए न केवल सस्ते इलेक्ट्रॉनिक्स का रास्ता खोल सकता है, बल्कि उसे एशिया के एक बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और कदम साबित हो सकता है।