US Tariff On India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान से भारतीय दवा मार्केट में मचने वाला है हड़कंप! कर दी ऐसी घोषणा की बिगड़ सकता है बाजार का स्वाद
US Tariff On India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फार्मा और सेमीकंडक्टर उत्पादों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। जानिए भारत के फार्मा सेक्टर और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

US Tariff On Indian Farma: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिट्सबर्ग में AI शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद स्पष्ट किया कि वह फार्मास्यूटिकल्स और सेमीकंडक्टर उत्पादों पर नए टैरिफ लागू करने जा रहे हैं। यह टैरिफ 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होंगे और इन्हें रेसिप्रोकल टैरिफ के अंतर्गत रखा जाएगा।
अमेरिका में फैक्ट्री बनाने का नियम
फार्मा कंपनियों को अमेरिका में फैक्ट्री बनाने के लिए 1 साल का समय दिया जाएगा।एक साल के भीतर उत्पादन नहीं लाने पर टैरिफ बढ़ा दिए जाएंगे।सेमीकंडक्टर चिप्स पर भी टैरिफ की योजना तैयार है।तांबे पर 50% टैरिफ लगाने की भी योजना बन रही है।ट्रंप के अनुसार, "विदेशों से बड़े पैमाने पर आयात अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।"
भारत के फार्मा सेक्टर पर प्रभाव: क्या होगा असर?
भारत अमेरिका को फार्मा उत्पादों का एक बड़ा निर्यातक है। 2024 में भारत ने अमेरिका को 12.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर के फार्मास्यूटिकल्स प्रोडक्ट्स भेजे।
भारतीय फार्मा कंपनियों पर संभावित प्रभाव
भारतीय फार्मा कंपनियों के टोटल रेवेन्यू का 30-40% हिस्सा अमेरिका से आता है। अगर अमेरिकी बाजार में टैरिफ लागू होते हैं तो बड़ी कंपनियां कीमतें बढ़ाकर नुकसान की भरपाई कर सकती हैं।छोटी और मिड-साइज कंपनियों को अमेरिकी बाजार में टिके रहना मुश्किल होगा।भारतीय उपभोक्ताओं के लिए भी दवाएं महंगी हो सकती हैं क्योंकि भारत अमेरिका से भी फार्मा प्रोडक्ट्स आयात करता है।ट्रंप की यह नीति 'अमेरिका फर्स्ट' आर्थिक एजेंडा को दर्शाती है, लेकिन इससे भारत और अन्य विकासशील देशों को चुनौती का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप ने कहा कि सेमीकंडक्टर पर टैरिफ लगाना दवाओं की तुलना में आसान है।
क्यों सेमीकंडक्टर पर टैरिफ महत्वपूर्ण हैं?
अमेरिका सेमीकंडक्टर उत्पादन में चीन, ताइवान, दक्षिण कोरिया पर निर्भर है।टैरिफ लगाने से अमेरिका में उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी अवसर खुल सकते हैं क्योंकि वैश्विक कंपनियाँ उत्पादन केंद्र शिफ्ट करने के विकल्प तलाशेंगी।
दवाएं और इलेक्ट्रॉनिक्स होंगे महंगे
ट्रंप के इस फैसले का सीधा असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।स्मार्टफोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक्स महंगे हो सकते हैं।हेल्थकेयर खर्च में बढ़ोतरी की आशंका है। हालांकि, ट्रंप का तर्क है कि दीर्घकालिक रूप में यह नीति अमेरिका को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।