राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण शिक्षा की वार्षिक स्थिति की रिपोर्ट (ASER) 2024 को जारी कर दिया गया है, जिसे प्रथम फाउंडेशन द्वारा तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट में ग्रामीण भारत के राज्यों और जिलों में बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति का सर्वेक्षण किया गया है। इस बार के सर्वे में 605 ग्रामीण जिलों के 6,49,491 बच्चों को शामिल किया गया, और यह रिपोर्ट कोविड काल के बाद बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार की ओर इशारा करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कक्षा 3 और 5 के छात्रों में बुनियादी पढ़ाई और अंकगणित में सुधार देखा गया है। इसके अलावा, 82.2% छात्र स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं और उनमें से 76% छात्र सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, शिक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए स्मार्ट डिवाइस का उपयोग करने वाले किशोरों की संख्या केवल 57% है, और इनमें भी अधिकांश छात्र सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।
ASER 2024 में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार का महत्वपूर्ण कारण निजी स्कूलों में बढ़ता नामांकन है। सरकारी स्कूलों में भी सुधार हुआ है, और पहले जो बच्चे 5वीं की पढ़ाई के स्तर तक नहीं पहुंच पाते थे, वे अब 2nd क्लास की पढ़ाई में सक्षम हो रहे हैं। हालांकि, निजी स्कूलों का पढ़ाई का स्तर 2022 में 56.8% से बढ़कर 2024 में 59.3% हुआ, लेकिन यह 2018 के 65.1% से कम है।
प्री-प्राइमरी स्कूलों में नामांकन के मामले में कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल और नागालैंड जैसे राज्य 90% से ऊपर की नामांकन दर के साथ शीर्ष पर हैं। यह रिपोर्ट शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के संकेत देती है, हालांकि कुछ चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं।